विराट कोहली के बयान पर सौरव गांगुली ने तोड़ी चुप्पी, बोले-बीसीसीआइ उचित तरीके से निपटेगा
भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी का विवाद विराट कोहली बनाम सौरव गांगुली में तब्दील होता जा रहा है। विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वनडे कप्तान के रूप में बर्खास्त होने पर बात की और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की टिप्पणियों का खंडन किया था।
अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने बीते बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वनडे प्रारूप से कप्तानी से हटने के बाद पहली बार बयान दिया था। इसके बाद मीडिया में काफी बवाल मच गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सौरव गांगुली के बयान को गलत बता दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमने विराट को टी20 की कप्तानी ना छोड़ने का अनुरोध किया था। इसके बाद अब सभी को गांगुली के रिएक्शन का सभी को इंतजार था। गांगुली से सीधे शब्दों में कहा कि अब इस मसले से बोर्ड खुद ही निपटेगा, इसका मतलब अभी ये मुद्दा और भी बढ़ सकता है।
आपको बता दें कि बुधवार को विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका रवाना होने से पहले एक प्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे को और भी हवा दे दी थी। इससे पहले गांगुली ने 9 दिसंबर को एएनआई को बताया था कि उन्होंने विराट को निजी तौर पर टी20 की कप्तानी ना छोड़ने की बात कही थी, जिसे विराट ने साफ मना कर दिया है।
गांगुली ने इस पर कोलकाता में कहा कि मुझे अब इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलना। गुरुवार को भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए रवाना हो चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी इस पर अपनी राय दी है. कपिल देव ने कहा कि इस मुद्दे को गलत समय पर उछाला जा रहा है। गांगुली के बयान का सभी को इंतजार था। गुरुवार को गांगुली ने कोलकाता में पत्रकारों से सवाल का जवाब देते हुए कहा कि -मुझे अब इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलना, बीसीसीआइ अब इस मसले पर अब अपने हिसाब से निपटेगी। अब बीसीसीआइ इस मुद्दे पर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करने जा रहा और ना ही कोई आधिकारिक बयान देने जा रहा है।
इस तरह की चर्चा थी कि बीसीसीआई ने कोहली की विस्फोटक प्रेस कांफ्रेंस के बाद चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा को मीडिया को संबोधित करने को कहा गया था, लेकिन बोर्ड ने अंतत: कोई बयानबाजी नहीं की। बुधवार को कोहली के बयान से प्रशासकों के साथ उनका तनाव उभरकर सामने आया था। कोहली ने गांगुली के बयान के संदर्भ में कहा था कि जो फैसला किया गया उसे लेकर जो भी संवाद हुआ, उसके बारे में जो भी कहा गया वह गलत है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।