एक ब्रुश से किसी के मन को कर सकते हैं नियंत्रित, उसे हो जाएगा भ्रम
एक ब्रुश से हम किसी व्यक्ति के दिमाग को नियंत्रित कर सकते हैं। या यूं कहें कि हम उसे भ्रमित कर सकते हैं। इस कला से उस व्यक्ति को यह आभास ही नहीं होता कि हम कोई चालाकी कर गए। उसे पहले वाली बात का ही अहसास होता है। चलिए हम आपको यह कला सिखाते हैं।
आवश्यक सामग्री व विधि
हम कपड़ा साफ करने का ब्रुश लेंगे। इस प्रयोग में हम किसी व्यक्ति की पीठ की तरफ खड़े होते हैं। फिर उसकी पीठ पर कपड़ा साफ करने वाला ब्रुश घुमाते हैं। ब्रुश की आवाज और पीठ पर पढ़ने वाले प्रभाव को वह आसानी से बता देता है कि उसके शरीर के किस हिस्से पर ब्रुश रगड़ा जा रहा है।
अब हम प्रयोग को आगे बढ़ाते हुए हम ब्रुश को अपनी शर्ट या कोर्ट के ऊपर घुमाते हैं। ठीक उसी समय उक्त व्यक्ति की पीठ को ब्रुश की जगह अपने हाथ की अंगुलियों से रगड़ते हैं। ये दोनों काम एकसाथ होना चाहिए। ताकि ब्रुश की आवाज भी निकले और उसकी पीठ पर अंगुलियां भी फिरें। अब हम उक्त व्यक्ति से पूछते हैं कि ब्रुश कहां घुमाया जा रहा है तो वह बताता है कि पीठ में। वहीं, उसकी पीठ पर सिर्फ अंगुलियों को घुमाया जाता है।

ये हैं तथ्य और बरतें ये सावधानियां
यह प्रक्रिया स्पर्श भ्रम पर आधारित है। सामने खड़े व्यक्ति की पीठ पर अंगुली और अपने शरीर पर ब्रुश घुमाने का कार्य एक साथ एक समय में होना चाहिए। हाथ एक बार में रगड़ा जाना अच्छा होता है। बार-बार हाथ रगड़ने से सामने वाला व्यक्ति समझ सकता है कि उसकी पीठ पर हाथ घुमाया जा रहा है।
इस प्रयोग के दौरान व्यक्ति की आंखों को बंद करना हितकारी होगा। यही कारण है कि पीठ पर एक बार ब्रुश फेरने के बाद दूसरी बार हाथ फेरने से व्यक्ति ब्रुश की आवाज व हाथ के स्पर्श को पुनः ब्रुश फेरने जैसा ही महसूस करता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।