रंग लाया सामाजिक कार्यकर्ता का प्रयास, जंगल में हो गया मंगल

देहरादून में सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जोशी का प्रयास रंग लाया और जंगल में मंगल हो गया। मतलब ये है कि अब जंगल में लोगों को अंधेरे में जान को जोखिम में डालकर नहीं गुजरना पड़ेगा। क्योंकि जिस जंगल की बात हो रही है, वहां गुलदार का आतंक बना रहता है। रात को अंधेरा रहने के कारण लोग सड़क पर निकलने से भी घबराते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब आते हैं असल कहानी में। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बिजली के पोल में नंगी तारों को हटाने और उनके बदले बंच केबल लगाने का काम पिछले कुछ साल से चल रहा है। कई इलाकों में तारें बदल दी गईं। इसी कड़ी में कौलागढ वार्ड में भी बंच केबल लगाई गई, लेकिन बाजावाला रोड पर बांस के जंगल वाले क्षेत्र में केबल लगाने का काम नहीं किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद से ही सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जोशी लगातार एक साल से उक्त क्षेत्र में बंच केबल लगवाने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने दो बार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन मे शिकायत दर्ज करवाई। तीन बार ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय जाकर समस्या की गंभीरता के प्रति उनका ध्यान आकर्षित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने अधीक्षण अभियंता को बताया कि जंगल वाला क्षेत्र होने के कारण पेडों की टहनियों के बिजली की तारों को छूने से अक्सर शार्ट सर्किट होता रहता है। इससे इस क्षेत्र में लगी करीब 30 स्ट्रीट लाइटें बंद हो जाती हैं। बरसात के मौसम में तो ये स्ट्रीट लाइटें अधिकांश समय बंद ही रहती हैं। बंदरों के तारों पर झुलने से अक्सर बिजली की तारें टुट जाती हैं। इससे इस मार्ग से आने जाने वालों को रात के समय जंगली जानवरों का भय रहता है। कारण ये है कि क्षेत्र में गुलदार की धमक कई बार देखी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गंभीरता को देखते हुए अधीक्षण अभियंता ने बंच केबल डालने के आदेश कर दिये। अब जाकर क्षेत्र में बंच केबल डाल दी गई। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जोशी ने कौलागढ वार्ड की पार्षद देवकी नौटियाल का भी बंच केबल डलवाने को लेकर आभार व्यक्त किया। विनोद जोशी क्षेत्र की समस्याएं लगातार उठा रहे हैं। यही नहीं नगर निगम में मोहल्ला स्वच्छता समिति में करोड़ों रुपये के घोटाले को भी उन्होंने आरटीआई से मिली जानकारी के जरिये उजागर किया था। हालांकि, अभी इस मामले में किसी भी दोषी पर कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, विनोद जोशी इस मामले को मुकाम पर ले जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी शिकायत का पीएमओ ने भी संज्ञान लियाहै।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।