देहरादून के पर्यावरण को बचाने के लिए दो मार्च को रैली निकालेंगे सामाजिक संगठन, विभिन्न मुद्दों को लेकर करते हैं आंदोलन

फाइल फोटो
देहरादून के पर्यावरण को बचाने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से दो मार्च को राजपुर रोड स्थित दिलाराम बाजार से कैंट रोड स्थित सेंट्रियो माल तक रैली निकाली जाएगी। कारण ये है कि एक बार फिर से विकास के नाम पर देहरादून जिले में बड़ी मात्रा में पेड़ काटने की तैयारी चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सिटीजन फॉर ग्रीन दून संस्था की ओर से रैली का आह्वान किया गया है। इससे पहले भी देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर पेयजल योजना के नाम पर हजारों पेड़ काटने, कैंट रोड पर भी पेड़ों के कटान, कैनाल रोड जाखन में भी पेड़ों को काटने के विरोध में इस संस्था ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन किया और इसमें सफलता भी मिली। यही नहीं, सड़क दुर्घटना के कारणों और लापरवाही के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से भी संस्था ने कई बार आंदोलन किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक बार फिर से विकास के नाम पर देहरादून में भारी संख्या में पेड़ों के कटान की तैयारी चल रही है। इसके विरोध में सामाजिक संगठन सक्रिय हो गए हैं। बताया जा रहा है कि भानियावाला से ऋषिकेश तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 3357 पेड़ों को काटने की योजना है। इसी तरह नई मसूरी रोड केलिए करीब 20000 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं। ऐसे में तय किया गया है कि पेड़ों को कटने से बचाने के लिए दो मार्च की सुबह करीब साढ़े सात बजे दिलाराम बाजार से सेंट्रियो मौल तक रैली निकाली जाएगी। रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री से ये अपील की जाएगी कि इस तरह से अंधाधुंध पेड़ों के संहार को तुरत रोका जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दावा किया गया कि इस आंदोलन को देहरादून के सभी वर्गों, सामाजिक संगठनो का मिल रहा है। आंदोलन के पीछे तर्क दिया गया कि देहरादून में पिछले वर्ष भयंकर गर्मी लोगों को झेलनी पड़ी। 40 से 43 डिग्री तापमान अमूमन कई दिन रहा। मोहंड, सहस्त्रधारा रोड सहित अन्य इलाकों में पेड़ काटन के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। अब फिर से सरकार ऋषिकेश, मसूरी झाजरा आदि में सड़कों के निर्माण में हजारों पेडो कि बलि देने की तैयारी कर रही है। इसकी अभी फिलहाल आवश्यकता नही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यावरणविद् का तर्क है कि उचित यातायात नियंत्रण हो तो इन सबसे बचा जा सकता है। मसूरी मे वैसे ही ट्रॉली के माध्यम प्रति घंटा से हजारो लोगों को मसूरी पहुँचाया जाएगा। थानों जैसी खूबसूरत रोड को भी सहस्त्रधारा जैसी बंजर रोड बनाने कि तैयारी है। सहस्त्रधारा रोड में करोड़ो रुपए के बजट के जो पौधरोपण किया गया, उसे मिट्टी के बजाय नदी के पत्थर बीच में किया गया। आंख से अंधे अधिकारी व कर्मचारी को इस बात का अहसास नही कि इसमे एक पेड़ भी नही बचेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सिटीजन फॉर ग्रीन दून संस्था के मुताबिक, वैसे भी राष्ट्रीय स्तर के मॉनको के अनुसार उत्तराखंड में आधे पेड़ भी नही बचे हैं। अभी हाल में पेड़ों को लगाने के बदले दूसरे मद में 10 करोड़ से ज्यादा लेपटॉप, मोबाइल व अन्य मदो में खर्च कर दिए गए। ऐसा कैग की रिपोर्ट में ज्ञात हुआ है। दुर्भाग्य से उत्तराखंड में सभी चुने गए प्रतिनिधि इस मामले को गंभीरता से नही ले रहे हैं। देहरादून के जागरूक नागरिक जोर शोर से सोशल मीडिया में इसका प्रचार कर रहे हैं। इसके साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुड़ना होगा। तभी देहरादून का पर्यावरण बचाया जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सिटीजन फॉर ग्रीन दून, देहरादून सिटीजन फोरन सयुक्त नागरिक संगठन आदि के लोगों की अपील है कि दो मार्च की रैली में ज्यादा से ज्यादा लोग भाग लें। ये अपील जाने माने पर्यवेरणविद् हिमांशु अरोड़ा, जया, रवि चोपड़ा, जगमोहन मेंदीरत्ता, अनूप नॉटयाल, ऋतु चटर्जी, इरा चौहान, मनोज ध्यानी, राधा भटाचार्य, अनूप बडोला की ओर से की गई है, जो इस अभियान में शामिल हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।