जेई, एई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में एसआइटी ने हरिद्वार ने की चौथी गिरफ्तारी
उत्तराखंड में जेई/एई परीक्षा में पेपर लीक और नकल कराने के मामले में एसआइटी हरिद्वार ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया। इस मामले में ये चौथी गिरफ्तारी है। इसके साथ ही एसआइटी ने दावा किया कि नकल माफिया और संदिग्ध कोचिंग सेंटर के गठजोड़ से ही प्रश्न लीक कर मोटी रकम वसूलने का धंधा चल रहा था। यही नहीं, कुछ छात्र संगठनों के लोग कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक के संबर्क में भी थे। परीक्षाएं निरस्त होने पर छात्र कथित कोचिंग सेंटरों में साल भर कोचिंग के लिए एडमिशन लेते रहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, जेई और एई प्रश्न लीक प्रकरण में एसआइटी हर एंगल से जांच कर रही है। हर आरोपी का जेल जाना तय है। हरिद्वार देहात क्षेत्र तथा देहरादून के कुछ संदिग्ध कोचिंग सेन्टर भी SIT के रडार पर हैं। इससे पहले गिरफ्तार किए गए पूर्व में तीन अभियुक्तों के कब्जे से कुल 07 लाख रुपए की अवैध अर्जित नगदी और विभिन्न बैंकों के ब्लैंक चेक बरामद किए जा चुके है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसआइटी टीम ने पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर उक्त परीक्षा प्रश्न लीक आउट करने में विवेचना के दौरान प्रकाश में आए मुख्य अभियुक्त कोचिंग सेंटर संचालक विवेक ऊर्फ विक्की को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई है। प्रारंभिक पूछताछ पर अभियुक्त ने बताया गया कि वह वर्तमान में रुड़की में जीनियस नाम से कोचिंग सेंटर संचालित करता है। इसमें जेई के परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी करता है। अधिक पैसे कमाने के लालच में इसके पेपर लीक करने वाले गिरोह में शामिल होकर कुछ अभ्यर्थी से पेपर देने के एवज में उसने 19 लाख रुपए तय किए। उनसे एडवांस के तौर पर कुछ धनराशि एवं ब्लैंक चेक लिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उसने बताया कि अगर कोचिंग सेंटर से ज्यादा लड़के सेलेक्ट होंगे तो मेरे कोचिंग का नाम होगा। तभी ज्यादा लड़के मेरे कोचिंग सेंटर पर आएंगे। यदि सेंटर से लड़के सेलेक्ट नहीं होते हैं तो वे परीक्षा रद्द कराने के लिए पैसा देकर धरना प्रदर्शन भी करा देते हैं। गिरफ्तार आरोपी विवेक कुमार उर्फ विक्की पुत्र जयपाल सिंह निवासी ग्राम चुड़ियाला थाना भगवानपुर हरिद्वार हाल संचालक (जीनियस ) कोचिंग इंस्टीट्यूट से अभार्थियो से लिए दो लाख रुपए नगद, चार ब्लैंक चेक, एलईडी आदि बरामद किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब तक गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
1- संजीव कुमार पुत्र वैध्यनाथ भगत निवासी मौहल्ला शिवपुरी थाना व जिला सहरसा बिहार हाल पता F 310 भागीरथ आवासीय कालोनी लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड कनखल हरिद्वार।
2.नितिन चौहान पुत्र श्री ब्रह्मपाल निवासी अन्नेकी सिडकुल हरिद्वार।
3. सुनील सैनी पुत्र ज्ञानचन्द सैनी निवासी पुर्वावाला थाना कोतवाली लक्सर जनपद हरिद्वार।
4.विवेक कुमार उर्फ विक्की पुत्र जयपाल सिंह निवासी ग्राम चुड़ियाला थाना भगवानपुर हरिद्वार। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में इस तरह सामने आ रहे परीक्षा घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।