सावधानः कोरोना के सामने आ रहे हैं साइड इफेक्ट, ब्लॉक हो रही हैं दिल की धमनियां, युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ रहे केस
कोरोना महामारी के दौरान मरीजों में ह्रदय की परेशानियां बढ़ी हैं। संक्रमण की चपेट में आने के बाद लोग स्वस्थ हुए तो दिल की धमनियां ब्लॉक होने लगीं। कोरोना वायरस लम्बे समय तक खून को गाढ़ा करता है।

मुंबई का एक उदाहरण
मुंबई के अस्पतालों में ऐसा मामला भी आया, जिन्हें पहले दिल से संबंधित कोई परेशानी नहीं थी। अचानक हार्ट अटैक का शिकार हुए। मुंबई के लायंस क्लब अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह कोविड निगेटिव हैं। छह दिन पहले की बात है। रात दस बजे उन्होंने खाना खाया। सोने जा रहे थे कि बहुत ज्यादा पसीना आया। पत्नी ने सहलाया, लेकिन सीने में बहुत दर्द होने लगा। डॉक्टर ने बोला भर्ती होना पड़ेगा। पहले राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती हुए। फिर चार दिन के बाद यहां लायंस क्लब अस्पताल में भर्ती हुए। सर्जरी हो गई है और अब ठीक महसूस हो रहा है।
खून को गाढ़ा कर रहा है कोरोना
ऐसे मरीज़ों का इलाज कर रहे डॉक्टर इसमें कोविड कनेक्शन देख रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना खून को गाढ़ा कर रहा है। शरीर में खून के थक्के बनाता है। इसके चलते कहीं दिल की धमनियां ब्लॉक हो रही हैं तो लोग अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। पोस्ट कोविड यानी कोविड से ठीक हुए मरीजों में भी अचानक हार्ट अटैक की समस्या दिख रही है।
युवाओं को भी हो रही ऐसी समस्या
कार्डीआलॉजिस्ट डॉ रवि गुप्ता ने बताया कि बहुत यंग लोग हमारे पास हार्ट अटैक के कारण अस्पताल आ रहे हैं। इनमें कई को पहले कोविड की समस्या रही। वे कोविड से पहले रिकवर हो चुके हैं। ऐसे में समझना होगा कि कोविड सिर्फ फेफड़ों की बीमारी नहीं है। ये हमारी दिल की धमनियों में इन्फ़्लमेशन करती है। तो इस इन्फ़्लमेशन में क्लॉट बनता है और कई बार जिन लोगों को पहले कोई हार्ट की बीमारी नहीं थी, उनके हार्ट में अचानक कोई क्लॉट बनता है। किसी आर्टरी को क़रीब 100 प्रतिशत ब्लॉक कर देता है। ऐसे में युवा लोग अचानक हार्ट अटैक के कारण हमारे पास आ रहे हैं।
आपरेशन के बाद भी री क्लॉटिंग
हार्ट सर्जन डॉ अरविंद सिंह गहलोत का कहना है कि नसों में क्लॉटिंग के बहुत मामले आ रहे हैं। काफ़ी ऐसे मरीज़ हम देख रहे हैं, ऑपरेशन करने के बाद उनमें फिर से क्लॉटिंग यानी री-क्लॉटिंग भी हो रही है। ऐसे मामले भी आ रहे हैं जो हमने पहले कभी नहीं देखते थे। बायपास सर्जरी से पहले फ़िटनेस टेस्ट होता है, लेकिन कई लोगों की फ़िटनेस टेस्ट से पहले ही मौत हो जा रही है। कई मामले में मरीज आते समय निगेटिव होता है, लेकिन टेस्ट के बाद पॉजिटिव पाया जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच अनियंत्रित जीवनशैली, रूटीन चेकअप पर ब्रेक, तनाव जैसी समस्याएं आग में घी डाल रही हैं।
लोग नहीं करा रहे चेकअप, पता नहीं चल पाती है बीमारी
फ़ोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल के इंटर्वेन्शनल कार्डीआलॉजी प्रमुख डॉ ब्रजेश कंवर कहते हैं कि पिछले दो साल से हेल्थ चेकअप सिस्टम बंद पड़ा है। लोग अपना हेल्थ चेकअप नियमित रूप से नहीं करवा रहे हैं। जिसके कारण अंदर छिपी हुई दिक़्क़तों का पता नहीं लग पा रहा है। लोग अपना कलेस्टरॉल चेक नहीं करवा रहे हैं। इसकी वजह से बहुत सारे मरीज़ मिस हो रहे हैं।
पुराने मरीजों की बजाय नए में ज्यादा समस्या
हार्ट के मरीज पहले से ही ब्लड थिनर यानी खून पतला करने वाली दवा का सेवन कर रहे होते हैं। इसलिए ज़्यादा समस्या अचानक से हार्ट अटैक से गुजर रहे लोगों को लेकर है। इनके अंदर बिना जानकारी खून का गाढ़ा होने जैसे कई बदलाव हो रहे हैं। एक्स्पर्ट्स बताते हैं कि अगर आप चलने में ज़्यादा थकान महसूस कर रहे हैं, सांस फूल रही है तो बेहद ज़रूरी है कि आप ECG और treadmill test यानी TMT तुरंत कराएं।