उत्तराखंड में कोरोना वैक्सीन का टोटा, ग्लोबल टेंडर में सामने नहीं आई कोई कंपनी, अब टेंडर की अवधि बढ़ाई

उत्तराखंड में भी कोरोना वैक्सीन का टोटा बना हुआ है। इसके साथ ही 18 वर्ष से लेकर 44 साल तक के लोगों का टीकाकरण खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। कारण ये है कि वैक्सीन के लिए सरकार की ओर से जारी किए गए ग्लोबल टेंडर में कोई भी कंपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ऐसे में टेंडर की अवधि और एक सप्ताह तक बढ़ाई गई है। ऐसा उत्तराखंड राज्य के साथ ही नहीं हो रहा है, दूसरे राज्यों को भी इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पंजाब सरकार को तो अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना ने सीधे वैक्सीन देने से मना कर दिया। कंपनी ने कहा कि वो सीधे केंद्र सरकार से डील करती है।
कोरोना के टीके को लेकर भारत सरकार ने राज्यों के पाले में गेंद डालकर अपना पल्ला छुड़ा दिया, वहीं राज्यों को वैक्सीन देने को कंपनी तैयार नहीं है। उत्तराखंड में राज्य सरकार की ओर से कोरोना की वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर में अभी तक किसी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। टेंडर के लिए तय समय बीतने के बावजूद किसी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कंपनियों ने टेंडर के लिए निर्धारित समयसीमा को कम बताया है। इस कारण टेंडर का समय एक सप्ताह, यानी सोमवार 31 मई तक बढ़ाया जा रहा है।
प्रदेश में इस समय 18 से 44 आयुवर्ग और 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग को अलग-अलग वैक्सीन लगाई जा रही हैं। 45 वर्ष से अधिक आयु वालों की वैक्सीन केंद्र सरकार मुहैया करा रही है, जबकि 18 से 44 आयुवर्ग वालों का वैक्सीनेशन प्रदेश सरकार अपने खर्च पर कर रही है। इस आयुवर्ग के लिए केंद्र से काफी कम वैक्सीन मिल रही है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने खुद वैक्सीन की खरीद के लिए 15 मई को ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए थे। इसमें कंपनियों को 30 लाख डोज की सप्लाई के लिए टेंडर करने को कहा गया। टेंडर के लिए 10 दिन का समय दिया गया, साथ ही जल्द से जल्द वैक्सीन सप्लाई की बात कही गई। इसके बावजूद कोई कंपनी सामने नहीं आई। ऐसे में टेंडर की अवधि को बढ़ाया गया है।
उम्मीद की गई कि कोविशील्ड व स्पुतनिक कंपनियां इसके लिए आवेदन करेंगी। यह समयसीमा समाप्त हो गई है लेकिन किसी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला। इस पर राज्य की ओर से भी इन कंपनियों से संपर्क साध कर कारण पूछा गया। कंपनियों ने साफ किया कि वर्तमान में विश्वव्यापी मांग को देखते हुएवे जल्दी वैक्सीन उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं हैं। इसके अलावा दस्तावेजों को पूरा करने में काफी समय लगता है।
ब्लैक फंगस के और मिले 250 इंजेक्शन
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के उपचार को 250 इंजेक्शन (एंफोरटेरेसिन-बी) और मिल गए हैं। इन्हें प्रमुख अस्पतालों को वितरित कर दिया गया है। दो दिन पहले भी राज्य को 500 इंजेक्शन प्राप्त हुए थे। प्रदेश में इस समय कोरोना के मरीजों को ब्लैक फंगस की बीमारी तेजी से जकड़ रही है। प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है। इसके इलाज में एंटी फंगल इंजेक्शन (एंफोरटेरेसिन-बी) काफी कारगर साबित हो रहा है। यह अलग बात है कि इंजेक्शन की आपूर्ति अभी सीमित है। औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि शुरुआती चरण में कुछ दिक्कत आई है। पर अगले कुछ दिन में ही स्थिति सामान्य होने लगेगी। रुद्रपुर स्थित वीएचबी कंपनी से भी अगले कुछ दिन में इंजेक्शन की खेप मिल जाएगी। कंपनी को राज्य ने 15000 इंजेक्शन की मांग काफी पहले भेज दी थी।