लाखों की डकैती में तीन पुलिसकर्मियों सहित सात गिरफ्तार
देहरादून में सस्ते में डॉलर दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से की गई लाखों की लूट के मामले में तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों से लूटी गई राशि में से कुछ रकम बरामद कर ली गई। इस मामले में दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं। पकड़े गए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ऋषिकेश के रहने वाले यशपाल सिंह असवाल ने प्रेमनगर थाने में डकैती की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात कुंदन नेगी नामक व्यक्ति से हुई थी। कुंदन ने उन्हें बताया था कि उसके परिचित राजेश रावत, राजेश चौहान और राजकुमार चौहान के पास 20 हजार डॉलर हैं। वे इन डॉलर को भारतीय रुपये में बदलवाना चाहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यशपाल ने आठ लाख रुपये में सौदा तय कर लिया। यशपाल 31 जनवरी को साढ़े सात लाख रुपये लेकर देहरादून के झाझरा स्थित हनुमान मंदिर के पास पहुंचे। वहां राजेश रावत, राजेश चौहान, राजकुमार चौहान और हसीन उर्फ अन्ना नामक व्यक्तियों से उनकी मुलाकात हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोप है कि सौदे के दौरान अचानक दो लोग वहां पहुंचे। इनमें से एक पुलिस वर्दी में था और दूसरा सादे कपड़ों में था। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए असवाल को धमकाया और जबरन उसका पैसों से भरा बैग छीन लिया। साथ ही वे रकम लेकर भाग गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि रविवार शाम को आईआरबी द्वितीय के सिपाही अब्दुल रहमान (रुड़की), सिपाही सालम (डोबरी, सहसपुर), प्रेमनगर थाने के सिपाही इकरार (लक्सर), उत्तरकाशी के जोताड़ी के राजकुमार, मतोड़ी के राजेश रावत, चमोली के कुंदन सिंह और हिमाचल के रोहड़ू के राजेश कुमार चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 2.30 लाख और 500 डॉलर मिले हैं। सभी से पूछताछ की जा रही है। वहीं, पूछताछ में दो आरोपियों की जानकारी मिली है, उनकी तलाश जारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गिरोह बनाकर डकैती को दिया गया अंजाम
डकैती में तीन पुलिस कर्मी गिरफ्तार होने से माना जा रहा है कि आरोपियों ने तीन पुलिस कर्मियों को साथ जोड़कर पूरा गैंग बनाया हुआ है। इसके बाद पीड़ित से संपर्क किया गया। तब वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद आरोपियों ने जाते हुए पीड़ित को ढाई लाख रुपये लौटा भी दिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।