यूसर्क का सात दिवसीय प्लांट टैक्सोनॉमी सर्टिफिकेट कार्यक्रम का समापन, 32 छात्र-छात्राओं ने लिया प्रशिक्षण
समापन के अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रो. ( डा.) अनीता रावत ने कहा कि प्लांट टैक्सोनॉमी सर्टिफिकेट कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य युवाओं में विभिन्न पादप प्रजातियों की पहचान करने के लिए सही वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है। इस क्षेत्र में शोध की अनंत सम्भावनाओं के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के माध्यम से उत्तराखण्ड की विस्तृत जैवविविधता का संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। प्रो. रावत ने कहा कि सुदूर क्षेत्रों के छात्रों को यह मंच प्रदान किया गया, ताकि उनकी क्षमताओं में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ज्ञानवर्धक एवं करियर में सहायक कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं देहरादून के एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडेय ने सभी से पर्यावरण संरक्षण करने को कहा। वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. एसके सिंह ने प्लांट टैक्सोनोमी के अध्ययन को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर सर्टिफिकेट कोर्स की समन्वयक व यूसर्क वैज्ञानिक डा. मन्जू सुन्दरियाल ने सम्पूर्ण कार्यक्रम के प्रत्येक दिन की गतिविधियों एवं प्रयोगात्मक कार्यों पर विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होने बताया कि इस साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान में प्लांट टैक्सोनॉमी के विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिकों के द्वारा व्याख्यान एवं Hands on training प्रदान की गयी। प्लांट टैक्सोनॉमी के नियम, नामकरण उत्तराखण्ड की स्थानीय वनस्पतियां, फ्लोरल डायग्राम, मेकिंग की टैक्सोनॉमी तकनीकि, डी०एन०ए० बारकोडिंग के बारे में विस्तार में प्रयोगात्मक तरीके से समझाया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को हर्बल गार्डन, म्यूजियम एवं हरबेरियम लैब का भ्रमण कराया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के कुल 12 शिक्षण संस्थानों में हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर परिसर एवं बादशाहीथाल परिसर, डीएवी महाविद्यालय देहरादून, दून विश्वविद्यालय देहरादून, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी, राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय पुरोला, गोविन्द बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर, माया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी सेलाकुई देहरादून, चमनलाल महाविद्यालय हरिद्वार, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड, पीएनजी पीजी कॉलेज नैनीताल और एसजीआरआर विश्वविद्यालय देहरादून के 32 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।