सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज ने कहा-सरकारों के झूठ को उजागर करें बुद्धिजीवी
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि समाज के बुद्धिजीवियों का कर्तव्य बनता है कि वो "राज्य के झूठ" को उजागर करें।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि- लोकतंत्र में राज्य (सरकारें) राजनीतिक कारणों से झूठ नहीं बोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई के लिए केवल राज्य पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए समाज के प्रबुद्ध लोग सरकारों के झूठ को उजागर करें। उन्होंने कहा, ‘एकदलीय सरकारें सत्ता को मजबूत करने के लिए झूठ पर निरंतर निर्भरता के लिए जानी जाती हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोविड के समय में हम देख रहें हैं कि दुनिया भर के देशों में कोविड डेटा में हेरफेर करने का चलन बढ़ रहा है।
उन्होंने फेक न्यूज पर भी निशाना साधा और कहा कि आज फेक न्यूज का चलन बढ़ता ही जा रहा है। वरिष्ठ जज ने कहा कि WHO ने COVID महामारी के दौरान इसे ‘इन्फोडेमिक’ कहते हुए पहचाना था। उन्होंने कहा कि इंसानों में सनसनीखेज खबरों की ओर आकर्षित होने की प्रवृत्ति होती है, जो अक्सर झूठ पर आधारित होती है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर झूठ का बोलबाला है। सच्चाई के बारे में लोगों का चिंतित न होना, सत्य के बाद की दुनिया में एक और घटना है।
उन्होंने कहा कि-हमारी सच्चाई ‘बनाम’ आपकी सच्चाई और सच्चाई की अनदेखी करने की प्रवृत्ति के बीच एक प्रतियोगिता छिड़ी है। जो सच्चाई की धारणा के अनुरूप नहीं है। ‘सच्चाई की तलाश’ नागरिकों के लिए एक प्रमुख आकांक्षा होनी चाहिए। हमारा आदर्श वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ है। हमें राज्य और विशेषज्ञों से सवाल करने के लिए तैयार रहना चाहिए। राज्य के झूठ को बेनकाब करना समाज के बुद्धिजीवियों का कर्तव्य है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।