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September 21, 2024

उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षक एवं साहित्यकार कमलकांत बुधकर का निधन, सीएम धामी ने जताया शोक

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उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षक एवं जाने माने साहित्यकार कमलकांत बुधकर का 71 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन को पत्रकारिता और साहित्य जगत से जुड़े लोगों ने एक अपूर्णीय क्षति बताया।

उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षक एवं जाने माने साहित्यकार कमलकांत बुधकर का 71 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन को पत्रकारिता और साहित्य जगत से जुड़े लोगों ने एक अपूर्णीय क्षति बताया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार कमलकांत बुधकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतिप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलकांत बुधकर का निधन को पत्रकारिता एवं साहित्य जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले बुधकर के पुरखे हरिद्वार में आकर बस गए थे। हरकी पैड़ी स्थित गंगा मंदिर की देखरेख भी इन्हीं के परिवार के लोगों की ओर से की जा रही है।
उनसे शिष्य रहे पत्रकार एवं लेखक सुशील उपाध्याय (प्राचार्य लंढौरा डिग्री कॉलेज) ने बताया कि बुधकर जी कल शाम तक स्वस्थ थे। यहां, शिव मूर्ति के निकट आवास में आज रविवार यानी 14 नवंबर की रात करीब दो बजे उनकी तबीयत खराब होने लगी। इस पर उन्हें दवा दी गई, तो इससे आराम मिला। सुबह छह बजे फिर से तबीयत खराब हुई। इस पर उन्हें अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने कहा कि बुधकर जी राजनीतिक, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों के साथ ही पत्रकार, शिक्षक और साहित्यकारों के बीच में लोकप्रिय रहे।
वह गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए। नवभारत टाइम्स समाचार पत्र में उन्होंने राजेंद्र माथुर के साथ काम किया। साहित्य के क्षेत्र में उनकी दर्जनों किताबें प्रकाशित हुई। चाहे कुंभ का आयोजन हो या फिर कोई और मुद्दे, उनकी राय को एक विद्वान की राय के रूप में लिया जाता रहा है। उनके निधन से हरिद्वार के पत्रकारों के साथ ही साहित्य जगत, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों में शोक की लहर है।
जीवन परिचय
19 जनवरी 1950 को हरिद्वार में जन्‍मे मराठी भाषी डॉ. कमलकांत बुधकर शिक्षक के रूप में 1972 से ही विभिन्न स्नातक महाविद्यालयों में हिन्दी प्राध्यापक और 1990 से गुरुकुल काँगड़ी वि.वि. में हिन्दी पत्रकारिता के प्राध्यापक के रूप में कार्यरत रह चुके हैं। पत्रकार के रूप में पिछले 28 वर्षों से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं।
कार्यक्षेत्र
1997 में जर्मनी की पत्रिका एण्टविकलुंग पोलिटिक के भारतीय स्वतंत्रता विशेषांक का अतिथि संपादन तथा क.ला. मिश्र प्रभाकर: पत्रकारिता की अर्धशती नामक स्मारिका के अतिरिक्त विज्ञान पत्रिका, कौमुदी, मंदाकिनी, सुमति, संयम आदि का स्वतंत्र सम्पादन।
नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, जनसत्ता, राजस्थान पत्रिका, आज, राष्ट्रीय सहारा, हिन्दी ब्लिट्स और हिन्दी करंट, संडे आब्जर्वर, संडे मेल आदि में सैकड़ों लेख, शोधलेख, फीचर्स, रिपोर्टिंग्स आदि प्रकाशित। हरिद्वार सहित अनेक नगरों के स्थानीय समाचार पत्रों मे भी लेख और रिपोर्टस का प्रकाशन।
धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, सारिका, नवनीत, कादम्बनी, रविवार, अवकाश, दिनमान, पराग, माधुरी, खुशबू, युगश्री, हिन्दी एक्सप्रेस, आजकल, आकाशवाणी, उत्तर प्रदेश, रंग.तरंग, फटीचर, जागरण, विद्यापीठ, लक्ष्यवेधी, ज्ञानभूमि आदि अनेक पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं की रचनाओं का प्रकाशन।
महीयसी महादेवी वर्मा, सर्वश्री डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन, आचार्य किशोरीदास वाजपेयी, शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती, बालासाहेब देवरस, स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, पं॰ रामकिंकर उपाध्याय, अमिताभ बच्चन, प्रो॰ राजेन्द्रसिंह `रज्जूभैया´, बालकवि बैरागी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, साध्वी उमाभारती आदि से साक्षात्कार जो प्रकाशित होकर चर्चित हुए।
आचार्य किशोरीदास वाजपेयी पर दिल्ली दूरदर्शन द्वारा निर्मित वृत्तचित्र `सरस्वती पुत्र´ के निर्माण में विशेष भूमिका तथा फिल्म की स्टिल फोटोग्राफी का दायित्व संभाला। दूरदर्शन आकाशवाणी दिल्ली.लखनऊ दूरदर्शन से काव्यपाठ और वार्ता.परिचर्चा का प्रसारण किया। सहारा टीवी से इलाहाबाद कुम्भ पर साक्षात्कार प्रसारित। आकाशवाणी के दिल्ली, बनारस, जयपुर, इलाहाबाद, भोपाल, नजीबाबाद आदि केन्द्रों से पिछले ढाई दशकों से नियमित प्रसारण तथा हरिद्वार और इलाहाबाद के कुम्भ.अर्धकुम्भ मेलों का आँखों देखा हाल आकाशवाणी के लिए प्रसारित।
लालकिले के राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और गणतंत्रा दिवस पर होने वाले राष्ट्रीय सर्वभाषा कवि.सम्मेलन सहित पचासों कविसम्मेलनों में भाग लिया और संयोजन संचालन किया है।
हरिद्वार से प्रकाशित स्थानीय दैनिक हॉक, दैनिक बद्रीविशाल एवं साप्ताहिक ` अमृत गंगा´ में `यहाँ वहाँ की ´ तथा `अपनेरामकी डायरी´ तथा `निठल्ल चिंतन´ का प्रकाशन तथा नवभारत टाइम्स (दिल्ली) में `चर्चा कुम्भनगर की´ शीर्षक से चर्चित स्तम्भों का लेखन।
मराठी से अनेक श्रेष्ठ कविताओं का हिन्दी में अनुवाद किया जो प्रकाशित भी हुआ। साथ ही हरिद्वार के पण्डों, घाटों, हरिद्वार के कुम्भ अर्द्धकुम्भ, देवबन्द के दारूल उलूम आदि से सम्बद्ध फीचर देशभर में चर्चा का विषय बने।
पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा इनके लिखे लेख जारी किए गए। विशेष ` हरिद्वार कुम्भ 1986 एवं अर्द्धकुम्भ 1992 के सर्वाधिक सक्रिय और चर्चित पत्रकार, लेखक। कविताओं का जर्मन, मराठी, पंजाबी और अंग्रेज़ी में अनुवाद हुआ है।
प्रकाशित कृतियां
उनकी पाती अपनी थाती 2004 (पत्रों के बहाने बच्चन की याद) नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
क़तार कन्दीलों की 2004, (काव्यसंकलन) आयास प्रकाशन, हरिद्वार।
पुनि जहाज पै आवै,डॉ॰ इन्दुप्रकाश पाण्डेय, सम्मानग्रंथ, आयास प्रकाशन, हरिद्वार।
हरिद्वार : गंगाद्वारे महातीर्थे, 1992, प्रकाशक हरिद्वार विकास प्राधिकरण, हरिद्वार।
बातें मुलाकाते (साक्षात्कार संकलन), 1974 प्रकाशक गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार।
अक्षर अर्पण (डॉ॰प्रभाकर.माचवे सम्मानग्रंथ), 1974 आयास प्रकाशन, हरिद्वार।
एक आयास:अनायास (काव्य संकलन), 1974 आयास प्रकाशन, हरिद्वार।
कुम्भनगर : हरिद्वार (हिन्दी), 1986 प्रकाशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ.प्र.
कुम्भनगर : हरिद्वार (अंग्रेजी), 1986 प्रकाशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ.प्र.
अर्द्धकुम्भ. 1992 हरिद्वार, 1992, प्रकाशक उ.प्र. पर्यटन विभाग लखनऊ।
MA HARDWAR BOL RAHA HO, 2010, HINDISAHITYANIKETAN, U.P.
सम्मान
अ.भा. तरुण संघ देहरादून द्वारा ` तरुणश्री´ की उपाधि से सम्मानित। सहारनपुर की ` प्रतिबिम्ब´, हरिद्वार की `जैन मिलन´ और गंगोह, हरिद्वार आदि की संस्थाओं द्वारा सम्मानित। प्रभु प्रेमी संघ अम्बाला द्वारा 1995 का ज्ञानभारती सम्मान। सुधांशु जी की संस्था द्वारा `सद्ज्ञान सम्मान´ तथा 2007 में अयोध्‍या में श्री रामकिंकर सम्‍मान।

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मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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