ग्राफिक एरा हिल में मल्टी डिसिप्लिनरी शोध पर संगोष्ठी शुरू, रिसर्च लैब को लैंड से जोड़ें: डॉ दुर्गेश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और यूकॉस्ट के डिरेक्टर जनरल डॉ दुर्गेश पंत और गेस्ट ऑफ ऑनर डीआरडीओ के इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट के ड्रिक्टर डॉ अजय कुमार ने ग्रैफिक एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ जे कुमार और ग्रैफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला के साथ दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभआरंभ किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर डॉ दुर्गेश पंत ने कहा कि आज हर क्षेत्र में इंट्रा एमल्टी और ट्रांस डिसिप्लिनरी शोध की जरूरत है। जिस तरह एक परमाणु या अणु को जीवित रहने के लिए दूसरे परमाणु या अणु से जोड़ना पड़ता है, उसी तरह अच्छे शोध के लिए उसका मल्टी डिसिप्लिनरी होना अनिवार्य है। इस संगोष्ठी के माध्यम से ग्रैफिक एरा के छात्र-छात्राओं और भारत और विदेश से आए विशेषज्ञों के बीच खुली चर्चा होगी। इससे नए विचारों को आगे ले जाया जा सकता है। नई शिक्षा नीति भी कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस पर जोर देती है देती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि दुनिया मे साइंस और टेक्नोलॉजी के बगैर कुछ नही हो सकता। हमें अगर उत्तराखंड को 2025 तक आदर्श बनाना है तो हमे भी साइंस और टेक्नोलॉजी का इस्तमाल करना पड़ेगा। साइंस टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी से हर क्षेत्र में सुधार किया जा सकता है। रिसर्च ऐसी होनी चाहिए, जो लैब टू लैंड हो, आम आदमी की जिंदगी को खुशहाल बनाए और पूरे माहौल को खुशनुमा बना सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ दुर्गेश पंत ने के पी नोटियाल ऑडिटॉरीयम मे उपस्थित छात्र छात्राओंए शिक्षकों और विश्वविद्यालय के भीमताल और हल्द्वानी परिसरों से ऑनलाइन जुड़े छात्र छात्राओं को अपने देश ए राज्य ए ब्लॉक और गांवों के विकास के लिए मल्टी डिसिप्लिनरी शोध करने का- येस आई कैन, येस वी कैन, का संकल्प भी दिलाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग और यूकॉस्ट द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जे कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य स्कालर्ज़, ओपिनियन लीडर और छात्र छात्राओं के बीच गए विचारों पर ब्रेन स्ट्रोमिन द्वारा और मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च को प्रोसाहित करना है। ग्रैफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जंसोला ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक नई ऊर्जा है। इसका उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा है और आगे और भी ज्यादा होगा। नई शिक्षा नीति मल्टी डिसिप्लिनरी शिक्षा संस्थानो और मल्टी डिसिप्लिनरी शोध को प्रोत्साहित करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संगोष्ठी के पहले दिन आज आईआरडीई के डिरेक्टर डॉ अजय कुमार ने कंटैम्पनरी ट्रैंडेस इन इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स पर प्रस्तुति दी। इस के बाद आई एस सी बैंगलोर के डॉ चंद्रमणि सिंह संगोष्ठी से ऑनलाइन जुड़े और मीडियम एक्सेस कंट्रोल इन एफएमसीडब्लू रडार नेटवर्क्स पर अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद आईआईएससीए देहरादून के डॉ अनिल कुमार ने मशीन डीप लर्निंग के रिमोट सेंसिंग इमेज प्रोसेसिंग के लिए इस्तमाल पर प्रस्तुति दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संगोष्ठी के दूसरे और तीसरे दिन अमरीका की पुर्दुए यूनिवर्सिटी के डॉ देवेंद्र अरोड़ाए टेक्सास यूनिवर्सिटी के डॉ हिमांशु कुमारए उत्तर प्रदेश काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्चए लखनऊ के डॉ सुजीत कुमारए एम्स गोरखपुर के डॉ देवेश प्रताप सिंहए एफआरआई देहरादून के डॉ परमानंद कुमार, जेएनयू नई दिल्ली के डॉ डीके लोबियाल और डॉ कारण सिंह ऑनलाइन और ऑफलाइन मध्यम से शिरकत करेंगे। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की डीन एकेडमिक्स डॉ आर गौरी, सीएसई के विभागाध्यक्ष दिब्याहश बर्दोलोई, कन्वीनर डॉ सात्विक वत्स, अमित गुप्ता, नवीन गर्ग, डॉ विक्रांत शर्मा और विभाग के शिक्षक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।