भारत में राजद्रोह कानून होगा खत्म, अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए बिल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऐलान करते हुए बताया है कि राजद्रोह कानून को खत्म किया जा रहा है। इसे लेकर सरकार की तरफ से एक प्रस्ताव पेश किया गया। पिछले कई दशकों से चले आ रहे इस कानून को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। कई विपक्षी दलों ने इसे खत्म करने की मांग की थी और इसके दुरुपयोग का आरोप लगाया था। गृहमंत्री ने बताया कि इन कानूनों को मैं स्टैंडिंग कमेटी को भेजने वाला हूं। इसलिए इन पर ज्यादा नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों की प्राथमिकता अलग थी। महिलाओं के साथ दुराचार से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता है। इसको 302 नंबर पर जगह दी गई थी, इससे पहले राजद्रोह, खजाने की लूट, शासन के अधिकारी पर हमला था। इसी अप्रोच को हम बदल रहे हैं। इसमें सबसे पहला चैप्टर महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध, दूसरा चैप्टर मानव हत्या और मानव शरीर को जो अपराध आते हैं उसका आएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में भारतीय संहिता सुरक्षा विधेयक 2023 पर बोलते हुए कहा कि 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। लोकसभा में तीन बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इनसे नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरान बताया कि अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता होगी। वहीं सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता होगी। इसी तरह एविडेंस एक्ट का नाम बदलकर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम किया गया है और राजद्रोह का कानून खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। लोकसभा में इन तीनों बिल को लोकसभा में पेश किया गया, जिन्हें ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमित शाह ने बताया, ये हुए बड़े बदलाव
राजद्रोह की धारा को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
पहचान छिपाकर शारीरिक संबंध बनाना गलत है।
लव जिहाद को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।
अपराधी की गैर मौजूदगी में भी केस चलेगा और सजा सुनाई जाएगी (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीआरपीसी संशोधन विधेयक की अहम बातें
दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता
सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
एविडेंस एक्ट अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम
राजद्रोह का कानून खत्म करने का प्रस्ताव
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।