उत्तराखंड में आठ फरवरी से खुलेंगे 6, 8, 9 व 11वीं के लिए स्कूल, बच्चों को स्कूल भेजने से पहले पढ़ लें नियम

उत्तराखंड में छठी से आठवीं, नवीं और 11 वीं तक के छात्रों के लिए भी आठ फरवरी से स्कूल खुलने जा रहे हैं। इससे लिए शासन ने गाइडलाइन (एसओपी) जारी कर दी है। गाइडलाइन के अनुरूप शर्तों का पालन करना जरूरी होगा। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आज इसके गाइडलाइन जारी करते हुए इसके पालन के लिए शिक्षा विभाग और समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है।
बोर्ड परीक्षाओ को देखते हुए दसवीं और 12वीं के लिए स्कूल दो नवंबर से खोल दिए गए थे। हालांकि अभी भी स्कूलों में पूरे बच्चे नहीं आ रहे हैं। अब अन्य राज्यों में स्कूल खुलने लगे हैं। ऐसे में उत्तराखंड में भी छठी से लेकर आठवीं तक और नवीं व 11 वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दे दी गई है। इसके तहत शासन ने जो शर्त जारी की, वो इस प्रकार है-
1-विद्यालय खोलने से पूर्व पूरी तरह सेनेटाइज किया जाना आवश्यक है, यह प्रक्रिया प्रत्येक पाली के बाद भी जरूरी है। विद्यालयों में सेनेटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि किसी विद्यार्थी या शिक्षक या अन्य कार्मिक को खाँसी, जुकाम या बुखार के लक्षण हों तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाय।
2-प्रत्येक विद्यालय में कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत सम्बन्धित विद्यालय द्वारा नोडल अधिकारी नामित किया जाय। जो सोशल डिस्टेन्सिंग एवं कोविड प्रोटोकाल संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुपालन के लिए उत्तरदायी होगा। यदि विद्यालय के छात्रों, अध्यापक अन्य स्टाफ के मध्य यदि संक्रमण की स्थिति उत्पन्न होती है, तो ससमय जिला प्रशसान को सूचित किये जाने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की होगी। प्रत्येक जनपद को शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि यह उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वे अपने जनपद के अन्तर्गत ऐसी व्यवस्था (mechanism) सुनिश्चित करेंगे, जिससे दिन-प्रतिदिन होने वाले कोविड संक्रमण से सम्बन्धित सूचनायें प्राप्त करने एवं प्रशासन / उच्चाधिकारियों को तद्नुसार सूचित करने में सुविधा रहे।
3-विद्यार्थियों को हैण्डवाश/हैण्ड सेनेटाईज/थर्मल स्कैनिंग कराने के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाय। यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि विद्यार्थी के मास्क धारण के उपरान्त ही विद्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाय।
4- विद्यालय में प्रवेश के समय तथा छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेसिंग अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी न की जाए। अलग-अलग कक्षाओं की छुट्टी के लिए पृथक-पृथक समय निर्धारित हो।
5- विद्यालय में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
6- यदि विद्यार्थी स्कूल बसों अथवा विद्यालय से सम्बद्ध सार्वजनिक सेवा वाहन से विद्यालय आते हैं तो उन्हें प्रतिदिन सेनेटाईज कराया जाये तथा बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टैन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। बस में छात्रों के प्रवेश के समय स्कैनिंग और हैण्ड सैनेटाईजेशन का कार्य सम्बन्धित बस परिचालक द्वारा किया जाय। बस में यात्रा के दौरान मास्क का प्रयोग भी अनिवार्य रूप से हो।
7- सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। विद्यालय प्रबन्धन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क/सैनेटाईजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
8- विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेन्सिंग का समुचित पालन करते हुये कक्षा में बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
9- ऑनलाईन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाये। जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाईन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय बुलाया जाय। यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाईन अध्ययन करना चाहता है तो सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सम्बन्धित विद्यालय की होगी।
10- यदि अधिक छात्र संख्या के दृष्टिगत सोशल डिस्टैन्सिंग बनाने के लिये आवश्यक हो दो विद्यालय 02 पालियों में भी संचालित किया जा सकता है।
11. विद्यार्थियों को उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरान्त पठन-पाठन हेतु भौतिक रूप से विद्यालय बुलाया जाय। विद्यालय में उपस्थिति लचीला रूख अपनाया जाय तथा किसी विद्यार्थी को भौतिक रूप में विद्यालय आने के लिये बाध्य न किया जाय।
12-कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाए।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।