उत्तराखंड में नवीं से लेकर 12 तक दो अगस्त से और छह से आठ तक के स्कूल 16 अगस्त से खुलेंगे, एसओपी जारी, पढ़िए नियम
उत्तराखंड में राज्य में समस्त बोर्ड की ओर से संचालित शिक्षण संस्थान के साथ ही निजी और बोर्डिंग, डे बोर्डिंग शिक्षण संस्थान में आफलाइन पढ़ाई दो अगस्त से शुरू हो रही है। नौ से 12 तक की कक्षाएं दो अगस्त से और छह से आठ तक की कक्षाएं 12 अगस्त से शुरू करने का सरकार ने फैसला किया है। इस संबंध में शिक्षा सचिव राधिका झा ने समस्त शिक्षण संस्थानों के साथ ही बोर्डिंग शिक्षा संस्थानों के लिए अलग-अलग गाइडलाइन जारी की है। इसमें दिए गए नियमों का शिक्षण संस्थानों को कढ़ाई से पालन करना होगा। पढ़िए नियम-
डे स्कूल के लिए नियम
प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्डों के विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक की कक्षायें दिनांक 02 अगस्त, 2021 से तथा कक्षा से 8 तक की कक्षायें दिनांक 16 अगस्त, 2021 से भौतिक रूप से पठन-पाठन हेतु पुनः प्रारम्भ किये जाने की अनुमति निम्नलिखित प्रतिबंधों के अधीन प्रदान की जाती है।
1- विद्यालय खोले जाने से पूर्व समस्त कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, शौचालय, पेयजल आदि ऐसे स्थलों जहाँ पर छात्र-छात्राओं का भौतिक रूप से आवागमन होता हो। उन्हें भली भॉति सैनेटाईज किया जाए। विद्यालयों में सैनेटाईजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। तथा छात्र-छात्राओं को हैंड सेनेटाईज/थर्मल स्कैनिंग कराने के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाय। विद्यालयों के वाशरूमों में एन्टीसेप्टिक लिक्विड हैंडवाश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाय। शिक्षण संस्थाओं में बच्चों के पीने के पानी का स्थल भी भली भाँति स्वच्छ रखते हुए पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाय। ध्यान रहे कि ऐसे स्थलों पर छात्र-छात्रायें एक साथ एकत्रित न हों। इसके लिए कक्षावार अन्तराल नियोजित किया जा सकता है।
विद्यालय भौतिक रूप से आरम्भ करते समय विद्यालय प्रबन्धन/प्रधानाचार्य तथा समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि जर्जर कक्षा कक्षों में शिक्षण कार्य किसी भी स्थिति में न कराया जाय। विद्यालय में बालक बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय कि वह स्वच्छता रखते हुये उपयोग में लाये जाने योग्य हों।
2-प्रत्येक विद्यालय में कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत सम्बन्धित विद्यालय द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाय, जो सोशल डिस्टेन्सिंग एवं कोविड प्रोटोकाल सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के लिए उत्तरदायी होगा। यदि विद्यालय के छात्रों, अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ के मध्य संक्रमण की स्थिति उत्पन्न होती है तो ससमय जिला प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग को सूचित किये जाने की जिम्मेदारी सम्बन्धित प्रधानाचार्य एवं नोडल अधिकारी की होगी। यदि किसी विद्यार्थी या शिक्षक या अन्य कार्मिक में खाँसी, जुकाम या बुखार के लक्षण प्रतीत होते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुये घर वापस भेज दिया जाय।
3- प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वे अपने जनपद के अन्तर्गत ऐसी व्यवस्था (Mechanism) सुनिश्चित करेंगे, जिससे किसी शिक्षण संस्थान में कोविड संक्रमण पाये जाने पर तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई जा सके एवं सम्बन्धित शिक्षण संस्था में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाये। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी SoP का भी अनुपालन किया जाय ।
4- ऐसी शिक्षण संस्थायें जिनमें अधिक छात्र संख्या हो तथा भौतिक रूप से शिक्षण कार्य कोविड प्रोटोकाल के तहत एक किया जाना सम्भव न हो, उनमें विद्यालय प्रबन्धन कोविड प्रोटोकाल को दृष्टिगत रखते हुये भौतिक रूप से कक्षा शिक्षण दो पालियों में सम्पादित कर सकते हैं। प्रथम पाली में सम (even) अनुक्रमांक एवं द्वितीय पाली में विषम (odd) अनुक्रमांक वाले छात्र छात्राओं को विद्यालय में बुलाया जा सकता है। इसके लिये विद्यालय समय सारिणी इस प्रकार से नियोजित की जाये कि शिक्षक दोनों पालियों
में छात्र छात्राओं का कक्षा शिक्षण कर सकें। परन्तु ऐसी शिक्षण संस्थायें जिनमें अपेक्षाकृत छात्र संख्या कम हो अथवा एक पाली में ही कोविड प्रोटोकाल के तहत भौतिक रूप से शिक्षण कार्य किया जा सके उनमें छात्र छात्राओं का कक्षा शिक्षण एक पाली में ही निर्धारित विद्यालय समयानुसार सम्पादित किया जाय।
5- छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की सहमति के साथ उन्हें विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थित होने की अनुमति प्रदान की जाय, इसके लिये छात्र-छात्रायें विद्यालय भौतिक रूप से खुलने अथवा विद्यालय में उपस्थित होने के तीन दिन के अन्दर विद्यालय प्रबन्धन को अभिभावकों के सहमति पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे। विद्यालय में उपस्थिति हेतु लचीला व अपनाया जाय तथा किसी विद्यार्थी को भौतिक रूप में विद्यालय आने के लिये बाध्य न किया जाय।
6- विद्यालयों का संचालन हाईब्रिड मोड (Hybrid Mode) में किया जायेगा अर्थात भौतिक
शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाईन शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। अध्यापन कार्य के दौरान शिक्षक मोबाईल या अन्य उपकरण (Devices) से कक्षा शिक्षण कार्य को ऑनलाईन लाइव प्रसारित करेंगे, जिससे ऐसे छात्र छात्रायें जो विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पा रहे हों, वे घर पर रह कर ही कक्षा शिक्षण से जुड़ सकें।
7- यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं समस्त छात्र-छात्राओं को विधिवत मास्क पहनने के उपरान्त ही विद्यालय/कक्षा-कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जाय। यदि कोई छात्र छात्रायें बिना मास्क के विद्यालय में उपस्थित होते हैं, तो विद्यालय ऐसे छात्र छात्राओं के लिये मास्क की व्यवस्था करें। समस्त शिक्षक कर्मचारी तथा छात्र-छात्रायें विद्यालय अवधि में तथा घर से स्कूल आने तथा स्कूल से घर जाते समय मास्क का उचित ढ़ग से उपयोग करेंगे। कक्षा कक्ष में बैठक व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिग
के तहत सुनिश्चित की जाये।
8-विद्यालय में प्रवेश एवं छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन हो सके इसके लिए अलग-अलग कक्षाओं के लिए समय अन्तराल निर्धारित किया जाये तथा एक साथ सभी कक्षाओं को न छोड़ा जाय। ऐसी शिक्षण संस्थायें जिसमें छात्र-छात्रायें पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का उपयोग करते हुये विद्यालय में आते हैं, उनके पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को बिठाने तथा पब्लिक ट्रॉस्पोर्ट को
समय-समय पर सैनेटाईज करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
9- विद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं भोजन माताओं की vaccination की यथासम्भव
व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। यदि किसी शिक्षक अथवा कर्मचारी का vaccination नहीं हुआ है, तो विद्यालय प्रधानाचार्य/प्रबन्धन द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से ऐसे कर्मचारियों का vaccination प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने का प्रयास किया जाय।
10- कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं के लिये ऑनलाईन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाये। इसके लिये शिक्षक ऑनलाईन पठन पाठन हेतु अभिभावकों/आस पड़ोस में उपलब्ध पारिवारिक सदस्यों के स्मार्ट फोन या अन्य उपकरण (Devices) की उपलब्धता के अनुसार ऑनलाईन शिक्षण का समय निर्धारित कर सकते हैं। जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाईन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके लिये ऑफलाइन अधिगम सामग्री की उपलब्धता घर पर हो सके इसके लिए विद्यालय स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई जाये ताकि कोई भी छात्र-छात्रा शिक्षण अधिगम से वंचित न रह जाय। सभी शिक्षण संस्थान वरीयता के आधार पर ऐसे छात्र-छात्राओं को गतिविधि पुस्तिकाएँ/वर्कशीट उपलब्ध करायें जो कि अभिभावकों के माध्यम से या विद्यालय कर्मचारियों के माध्यम से उपलब्ध करायी जा सकती हैं।
11. कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाय।
12 विद्यालय में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, संगीत, सांस्कृति कार्यक्रम तथा अन्य सामुहिक गतिविधियों, जिनसे कि कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखा जाये।
13. विद्यालयों को भौतिक रूप से खोले जाने का निर्णय बच्चों के अधिगम स्तर तथा सीखने के अवरोधों को दूर करने के दृष्टिगत लिया गया है। समस्त विद्यालय प्रबन्धन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चों से शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों से सम्बन्धित शुल्क किसी भी दशा में न लिया जाय और न ही प्रथम चरण में पाठ्यत्तेर गतिविधियों का आयोजन किया जाय।
14-विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना की वर्तमान व्यवस्था जिसके अन्तर्गत कि बच्चों को खाद्यान/मध्याह्न भोजन सामग्री वितरित की जा रही है, को यथावत रखते हुये विद्यालयों में पका-पकाया भोजन अग्रिम आदेशों तक उपलब्ध न कराया जाये। परन्तु भोजन माता नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित होगी तथा छात्र छात्राओं के सैनेटाईजेशन व अन्य कोविड प्रोटोकाल के पालन में संस्था का सहयोग करेंगी।
विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं को लंच बाक्स अथवा भोज्य पदार्थ लाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिये विद्यालय प्रबन्धन की ओर से नियमित अनुश्रवण किया जाय।
15. कक्षा 9 से 12 की कक्षाएं सामान्यतया चार घण्टे तथा 6 से 8 की कक्षाएँ तीन घण्टे संचालित की जाय। जिन विद्यालयों में कक्षा शिक्षण दो पालियों में संचालित होगा, विद्यालय प्रबन्धन समय सारिणी में परिवर्तन कर सकेगी तथा प्रथम पाली के बाद कक्षा-कक्षों को सैनेटाईज किये जाने के बाद ही दूसरी पाली प्रारम्भ प्रारम्भ की जायेगी। विद्यालय सोमवार से शुकवार तक कक्षा शिक्षण हेतु खुले रहेंगे तथा शनिवार/रविवार को जिला प्रशासन, नगर प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नियमित सैनेटाईजेशन तथा फौगिंग करायी जायेगी।
16. डेंगू एवं मलेरिया के भी अपेक्षित प्रसार को दृष्टिगत रखते हुये छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवधि में फुल-बाजू के पैंट शर्ट / सलवार कमीज पहनकर विद्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया जाय।
17. मुख्य शिक्षा अधिकारी जनपद पर शिक्षण संस्थाओं में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करवाते हुये भौतिक कक्षा शिक्षण सुनिश्चित करवाने हेतु व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी/उप शिक्षा अधिकारी यह व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करेंगे कि विकास खण्ड के समस्त छात्र छात्राओं को ऑफलाईन/ऑनलाईन शिक्षण अधिगम की सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिये वे प्रतिदिन शिक्षण संस्थाओं की मोनिटरिंग करेंगे तथा रैंडम पर ऑफलाईन/ऑनलाईन रूप से अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं से बातचीत भी करेंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी/उप शिक्षा अधिकारी प्रति सप्ताह शिक्षण कार्य की रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से एस0सी0ई0आर0टी0 को उपलब्ध करायेंगे।
18. महानिदेशक, निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अपने स्तर से अधीनस्थ स्तर पर उक्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें तथा समय-समय पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण भी करें।
बोर्डिंग स्कूल के लिए ये हैं नियम
प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोडों के विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक दिनांक 02 अगस्त, 2021 से तथा कक्षा 6 से 8 तक की कक्षायें दिनांक 16 अगस्त, 2021 से भौतिक रूप से पठन-पाठन हेतु पुनः प्रारम्भ किये जाने की अनुमति निम्नलिखित प्रतिबन्धों के अधीन प्रदान की जाती है।
1. विद्यालय खोले जाने से पूर्व समस्त आवासीय परिसर के आवासीय कक्ष, किचन, डायनिंग हॉल, वाशरूम, पेयजल स्थल, वाचनालय, पुस्तकालय तथा विद्यालय परिसर में कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, शौचालय, पेयजल स्थल आदि ऐसे स्थलों जहाँ पर छात्र-छात्राओं का भौतिक रूप से आवागमन होता हो, का भली भाँति सेनेटाईज कर लिया जाये। विद्यालयों में सेनेटाईजर, हैण्डवाश, थर्मलस्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा छात्र-छात्राओं को हैण्ड सेनेटाईज/थर्मल स्कैनिंग कराने के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाय। विद्यालय के वाशरूम में लिक्विड एन्टीसेप्टिक हैंडवाश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाय। शिक्षण संस्था में बच्चों के पीने के पानी का स्थल भी भली भाँति स्वच्छ रखते हुये पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाय। ध्यान रहे कि ऐसे स्थलों पर छात्र-छात्रायें एक साथ एकत्रित न हों। इसके लिए आवासीय परिसर तथा विद्यालय परिसर में समय अन्तराल नियोजित किया
जाय।
2-प्रत्येक विद्यालय में कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत सम्बन्धित विद्यालय द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाय, जो सोशल डिस्टेन्सिग एवं कोविड प्रोटोकाल सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के अनुपालन हेतु उत्तरदायी होगा। यदि विद्यालय के छात्रों, अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ के मध्य संकमण की स्थिति उत्पन्न होती है, तो ससमय जिला प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग को सूचित किये जाने की जिम्मेदारी सम्बन्धित
प्रधानाचार्य/प्रबन्धन एवं नोडल अधिकारी की होगी। यदि किसी विद्यार्थी या शिक्षक या अन्य कार्मिक में खाँसी, जुकाम या बुखार के लक्षण प्रतीत होते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए आवासीय परिसर में आईसोलेशन कक्ष की व्यवस्था की जाय तथा इसकी सूचना जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं सम्बन्धित छात्र-छात्रा के अभिभावक को दी जाय एवं इस संदर्भ में स्वास्थ्य तथा आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी SOP का अनुपालन किया जाय ।
3. किसी बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग विद्यालय में जिनमें अधिक छात्र संख्या हो तथा भौतिक रूप से शिक्षण कार्य कोविड प्रोटोकाल के तहत एक साथ किया जाना सम्भव न हो, उनमें विद्यालय प्रबन्धन कोविड प्रोटोकाल को दृष्टिगत रखते हुये भौतिक रूप से कक्षा शिक्षण दो पालियों में सम्पादित कर सकते हैं। प्रथम पाली में सम (even) अनुक्रमांक एवं द्वितीय पाली में विषम (odd) अनुकमांक वाले छात्र छात्राओं को विद्यालय में बुलाया जाये। इसके लिये विद्यालय समय सारिणी इस प्रकार से नियोजित की जाये कि शिक्षक दोनों पालियों में छात्र छात्राओं का कक्षा शिक्षण कर सकें।
परन्तु ऐसी शिक्षण संस्थाएँ जिनमें अपेक्षाकृत छात्र संख्या कम हो अथवा एक पाली में ही कोविड प्रोटोकाल के तहत भौतिक रूप से शिक्षण कार्य किया जा सके उनमें छात्र छात्राओं का कक्षा शिक्षण एक पाली में ही निर्धारित विद्यालय समयानुसार सम्पादित किया जाय।
4. बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग विद्यालय में आवासीय परिसर में निवास करने वाले शिक्षकों/अन्य कार्मिकों एवं छात्र-छात्राओं को अधिकतम 48 घण्टे पूर्व की प्राप्त आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही विद्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाय।
5. बोर्डिंग/डे-बोडिंग विद्यालय में छात्र-छात्राओं को अभिभावकों की सहमति के बाद ही विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थिति होने की अनुमति दी जाय तथा विद्यालय खुलने के तीन दिन के अन्तर्गत इस आशय की सहमति प्राप्त कर ली जाय। विद्यालय में भौतिक रूप में उपस्थित होने के लिए किसी भी छात्र-छात्रा को बाध्य न किया जाय।
6. विद्यालयों का संचालन हाईब्रिड मोड (Hybrid Mode) में किया जायेगा अर्थात भौतिक शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाईन शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। अध्यापन कार्य के दौरान शिक्षक मोबाईल या अन्य उपकरण (Devices) से शिक्षण कार्य को ऑनलाईन लाइव प्रसारित करेंगे, जिससे ऐसे छात्र छात्रायें जो विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पा रहे हों, वे आवासीय परिसर अथवा घर पर रह कर ही कक्षा शिक्षण से जुड़ सकें।
7. बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग विद्यालय यह भी सुनिश्चित करें कि समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं समस्त छात्र-छात्राओं को विधिवत मास्क पहनने के उपरान्त ही विद्यालय/कक्षा-कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जाय। यदि कोई छात्र छात्रायें बिना मास्क के विद्यालय में उपस्थित होते हैं, तो विद्यालय ऐसे छात्र छात्राओं के लिये मास्क की व्यवस्था करें। समस्त शिक्षक कर्मचारी तथा छात्र-छात्रायें विद्यालय अवधि में तथा आवासीय परिसर/घर से स्कूल आने तथा स्कूल से आवासीय परिसर/घर जाते समय मास्क का उचित ढग से उपयोग करेंगे। कक्षा कक्ष में बैठक व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिग के तहत सुनिश्चित की जाये।
8. आवासीय परिसर, विद्यालय/कक्षा-कक्ष में प्रवेश एवं छुट्टी के समय सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन हो सके इसके लिए सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को एक साथ आने-जाने की अनुमति न दी जाय तथा इसमें समयान्तराल निर्धारित किया जाये।
9. बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग विद्यालय द्वारा आवागमन हेतु निजी बसों का संचालन करते समय यह ध्यान रखा जाय कि छात्र-छात्राएँ, निजी वाहनों के चालक/परिचालक/आया भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें तथा विधिवत मास्क एवं सैनेटाईजर का प्रयोग करें। ऐसे वाहनों के सेनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय तथा वाहन चालक एवं सहायक का वैक्सिनेशन भी सुनिश्चित कराया जाय। ऐसी शिक्षण संस्थायें जिसमें छात्र-छात्रायें पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का उपयोग करते हुये विद्यालय में आते हैं, उनके पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को बिठाने तथा पब्लिक ट्रॉस्पोर्ट को समय-समय पर सैनेटाईज करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
10. विद्यालय परिसर में समस्त विद्यालय प्रबन्धन के सदस्य, प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षक, कर्मचारी, मैट्रन, आवासीय परिसर के समस्त स्टॉफ तथा विद्यालय में अन्य सेवाओं से जुड़े हुये समस्त कर्मचारियों के यथासम्भव Vaccination की व्यवस्था की जाय। यदि विद्यालय परिसर में के किसी भी शिक्षक/सहयोगी स्टॉफ का Vaccination नहीं हुआ है, तो विद्यालय प्रधानाचार्य/प्रबन्धन द्वारा स्वास्थ्य विभाग/जिला प्रशासन के सहयोग से प्राथमिकता के आधार पर vaccination कराया जाय।
11. कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं के लिये ऑनलाईन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाये।
12. कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाय।
13. विद्यालय में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा अन्य सामुहिक गतिविधियों, जिनसे कि कोविड-19 संक्रमण की अधिक सम्भावना होती है को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखा गया है। लेकिन बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग विद्यालयों में अन्य गतिविधियों जिसमें कम से कम छात्र-छात्राओं का प्रतिभाग होता है, को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इस आधार पर संचालित किया जा सकता है कि अभिभावकों से
इसके लिए न्यूनतम शुल्क ही लिया जाय।
14. विद्यालयों को भौतिक रूप से खोले जाने का निर्णय बच्चों के अधिगम स्तर में सुधार तथा सीखने के अवरोधों को दूर करने के दृष्टिगत लिया गया है। चूंकि बोर्डिंग/ डे-बोर्डिंग विद्यालयों में बच्चों का ठहराव अधिक समय के लिए होता है इसलिए बच्चों की सुरक्षा से सम्बन्धित यथावश्यक सभी उपाय कर लिए जाय। साथ ही विद्यालय में बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों का आवागमन भी सीमित रखा जाय तथा इस सम्बन्ध
में कोविड प्रोटोकाल का पालन किया जाय।
15. कक्षा 6 से 12 की कक्षायें सामान्यतया चार घण्टे तक संचालित की जाय किन्तु जिन विद्यालयों में कक्षा शिक्षण दो पालियों में संचालित होगा, विद्यालय प्रबन्धन समय सारिणी में परिवर्तन कर सकेंगे तथा प्रथम पाली के बाद कक्षा-कक्षों को सैनेटाईज किये जाने के बाद ही दूसरी पाली प्रारम्भ प्रारम्भ की जायेगी। विद्यालय सोमवार से शनिवार तक कक्षा शिक्षण के लिए खुले रहेंगे तथा रविवार को जिला प्रशासन, नगर प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नियमित सैनेटाईजेशन तथा फौगिंग करवाई जायेगी।
16. डेंगु के भी अपेक्षित प्रसार को दृष्टिगत रखते हुये छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवधि में फुल-बाजू के पैंट शर्ट/सलवार कमीज पहनकर विद्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया जाय।
17. जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी समय-समय पर बोर्डिंग/डे-बोर्डिंग विद्यालयों में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन किये जाने का अनुश्रवण करेंगे तथा किसी भी अपरिहार्य स्थिति में तत्काल जिला प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग एवं आपदा प्रबन्धन विभाग को सूचित करेंगे।
18, महानिदेशक, निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अपने स्तर से अधीनस्थ स्तर पर उक्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें तथा समय-समय पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण भी करें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।