चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बनाया एनक्लेव, सैटेलाइट तस्वीरों में दिखीं 60 इमारतें
समाचार चैनल एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सेटेलाइट द्वारा जारी तस्वीरों से यह पता चला है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में करीब 60 से ज्यादा इमारतों वाला एक और एनक्लेव बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 के सेटेलाइट तस्वीर में पहले यह एनक्लेव वहां मौजूद नहीं था। इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में भी कहा गया था कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित हिस्से में करीब 100 घरों वाला एक एन्क्लेव बनाया है।
चीन के द्वारा बनाया गया यह एनक्लेव भारतीय सीमा के लगभग छह किलोमीटर अंदर है। यह इलाका एलएएसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास है। नए एनक्लेव की तस्वीरें दुनिया की दो बड़ी सेटेलाइट इमेज कंपनियों मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ तथा प्लैनेट लैब्स द्वारा जारी की गई है। जारी तस्वीरों में न सिर्फ बड़ी संख्यां में इमारतों को देखा जा सकता है।एक इमारत की छत पर चीनी झंडा भी पेंट किया गया है। इससे पता चलता है कि चीन इस इलाके पर अपना दावा पेश करता है। हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि एनक्लेव में लोग रहते हैं या नहीं।
चीन के द्वारा बनाए गए एनक्लेव की लोकेशन भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले भारतमैप्स द्वारा भी दर्शाई गई है। एनडीटीवी से बात करते हुए सैटेलाइट इमेजिंग टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ अरूप दासगुप्ता ने कहा कि सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा दर्शाए गए सीमा के आधार पता चलता है कि चीन द्वारा बनाया गया नया एनक्लेव अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 7 किलोमीटर के भीतर है। इसी साल चीनी की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने भी इस एनक्लेव की एक फोटो जारी की थी। उस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अरुणाचल से सटे चीनी इलाकों का दौरा भी किया था।
चीन के द्वारा भारतीय सीमा के अंदर एनक्लेव बनाए जाने को लेकर अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद तापिर गाव ने पहले ही आगाह किया था। तापिर गाव ने कहा था कि चीन ने कई भारतीय इलाकों में अपना कब्जा जमाया हुआ है। अगर दोबारा डोकलाम जैसी एक और घटना हुई तो वह अरुणाचल प्रदेश में होगी। गौरतलब है कि साल 2017 में जब चीन ने डोकलाम में सड़क निर्माण शुरू किया था तो भारतीय सैनिकों ने उसे रोक दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच गंभीर विवाद पैदा हो गया था और यह कई महीनों तक चला था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।