पश्चिमी देशों की चेतावनी को रूस ने किया अनसुना, यूक्रेन में घुसी सेना, रूस के कदम पर भड़की दुनिया
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का खतरा अपने चरम पर है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने रूसी सेना को पूर्वी यूक्रेन के रूस समर्थक 'अलगाववादियों के दो क्षेत्रों' में घुसने का आदेश दे दिया है।
दो आधिकारिक आदेशों में पुतिन ने रक्षा मंत्री को आदेश दिया कि विद्रोहियों के इलाके में शांतिस्थापना का काम शुरू किया जाए। लुहांस्क और दोनेत्सक इलाकों ने 2014 में ही खुद को यूक्रेन से अलग घोषित कर लिया था। इन इलाकों में रूसी मूल के विद्रोहियों की संख्या अधिक है। रूस की तरफ से इन इलाकों को यूक्रेन से अगल देश के तौर पर मान्यता दिए जाने की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है और अमेरिका और यूरोपियन यूनियन की ओर से रूस पर प्रतिबंध भी लगाए जाएंगे। बीती देर रात यूक्रेन में जब रूस की तरफ से यह खबर आई तो एक बारगी यूक्रेनियों के लिए विश्वास करना मुश्किल लगा लेकिन यूक्रेन निवासी अपने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार हैं।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस दावे को बकवास बताया है, जिसमें पुतिन ने कहा है कि जिन सैनिकों को पूर्वी यूक्रेन में भेजने का आदेश दिया गया है, वे सैनिक शांतिदूत होंगे। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी दूत ने यूक्रेन संकट पर बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में कहा कि हम जानते हैं कि वे वास्तविकता क्या है?” अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों को स्वतंत्र मान्यता देना क्षेत्र में युद्ध को भड़काने का बहाना है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने 15 सदस्यीय परिषद की आपात बैठक में कहा कि रूस की कार्रवाइयों के परिणाम पूरे यूक्रेन, पूरे यूरोप और दुनिया भर में भयानक होंगे। रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव के बीच रूस ने यूक्रेन सीमाओं के पास 150,000 सैनिकों को तैनात कर रखा है। हालांकि, रूस ने इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण करना चाहता है और पश्चिमी देशों पर ही उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है।
एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट यूक्रेन रवाना
भारत ने अपने नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद तेज कर दी है। एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट मंगलवार सुबह यूक्रेन के लिए रवाना हुई। यह फ्लाइट आज रात तक दिल्ली लौट आएगी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस.तिरुमूर्ति ने कहा- 20,000 से ज्यादा भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों और बॉर्डर क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।
रूस के कदम पर भड़की दुनिया
लुहांस्क-डोनेट्स्क को आजाद घोषित करने के पुतिन के फैसले की दुनिया में निंदा की जा रही है। NATO चीफ ने इसे अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन बताया है। वहीं, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने चेतावनी दी है कि उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। UNSC में यूक्रेन के डिप्लोमैट सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा- हम इस मसले के राजनीतिक और डिप्लोमैटिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हम उकसावे के आगे नहीं झुकेंगे।
अमेरिका ने लुहांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्र पर लगाया बैन
इस बीच राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट से रोकने वाले आदेश पर साइन कर दिया है। अमेरिका के अलावा EU और ब्रिटेन ने भी रूस पर पाबंदियां लगाने की बात कही है। इसके अलावा बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की। अमेरिका ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।