केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस की मजबूत स्थिति से घबराया सत्ताधारी दल, फैला रहे हैं भ्रामक प्रचारः दसौनी
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में प्रतिकूल वातावरण को देखकर सत्ताधारी बीजेपी बौखला और घबरा गई है। ऐसे में भ्रामक प्रचार फैलाने का काम शुरू हो गया है। इसके तहत मनगणंत अफवाहों का सहारा लिया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में गरिमा ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी की भ्रामक खबरों का सहारा बीजेपी को लेना पड़ रहा है। अच्छा होता कि वो अपने दस साल के कार्यों को गिनाती और आगे क्या करना है, उसके बल पर वोट मांगती। मीडिया में दिखाई जा रही और छप रही खबरें भारतीय जनता पार्टी का षड्यंत्र हैं, जिसमें वह हमेशा से सिद्धहस्त रही है। गरिमा ने कहा कि जब भी भारतीय जनता पार्टी को अपनी हार सामने दिखाई पड़ती है तो वह इसी तरह के प्रपंच रचने का काम करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड भाजपा यह पहले दिन से जानती है कि केदारनाथ उपचुनाव उनके लिए टेडी खीर साबित होने जा रहा है। अयोध्या लोकसभा सीट के साथ बदरीनाथ विधानसभा का उपचुनाव हारे। अब हार के डर से सरकारी खर्च पर पांच-पांच काबिना मंत्रियों को केदारनाथ दौड़ाया जा रहा है। उससे भी बात बनती नहीं दिख रही, तो मुख्यमंत्री ने चुनावी पुलाव के रूप में घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। उनकी पिछली घोषणाओं का क्या हुआ, ये जगजाहिर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी पांच काबिना मंत्रियों को केदारनाथ चुनाव का प्रभार देती है, तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती। उत्तराखंड कांग्रेस यदि अपने पर्यवेक्षकों की संख्या दो से चार कर देती है, तो उसे गुटबाजी और अंतर्कलह का नाम दे दिया जाता है। दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के यह पैंतरे बहुत पुराने हो चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस द्वारा नियुक्त चारों पर्यवेक्षक 19 अक्टूबर को एक साथ केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण से कार्य करते हुए नवनियुक्त सभी पर्यवेक्षक सर्वे के आधार पर संभावित प्रत्याशियों का पैनल शीर्ष नेतृत्व को भेजने का कार्य करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के इच्छुक आवेदनकर्ता का जनाधार, उसकी छवि, पार्टी के प्रति निष्ठा और योगदान इत्यादि प्रत्याशी चयन में मुख्य भूमिका निभाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा की जनता बहुत पढ़ी-लिखी और सुलझी हुई है। हर बार उसने अपने विवेक से फैसला किया है। 2012 में केदारनाथ की देव तुल्य जनता ने जहां कांग्रेस प्रत्याशी को अपना विधायक चुना तो, वहीं 2017 में भाजपा की 57 सीट जीतने की सुनामी में भी कांग्रेस की सरकार गिराने का महापाप करने पर केदारनाथ की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को सबक सिखाते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी को चुना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि इन सब बातों से यह साबित होता है कि केदारनाथ विधानसभा की जनता अपने विवेक से निर्णय करती है। वह ना घोषणाओं के लालच में आती है और ना ही भारी भरकम मंत्रियों की उपस्थिति उन्हें प्रभावित कर सकती है। कांग्रेस की कलह और गुटबाजी की सभी खबरों पर विराम लगाने का प्रयास करते हुए दसौनी ने बताया की कुछ कारणों से 18 अक्टूबर का कार्यक्रम 19 अक्टूबर में तब्दील किया गया। इसी छोटी सी बात को भाजपा ने मीडिया का सहारा लेकर तिल का ताड़ बना दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा ने कहा की एक ओर केदारनाथ की जनता, जहां राज्य की भाजपा सरकार से चार धाम यात्रा की अव्यवस्थाओं से नाराज है। वहीं हाल ही में आई आपदा के समय केदार घाटी की अनदेखी से आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ से चुनी हुई विधायक के अंतिम संस्कार में शामिल न होकर प्रदेश के मुखिया ने केदारनाथ की जनता का अपमान किया। उसी दिन दिल्ली के बौराड़ी में केदारनाथ धाम के ही नाम से एक प्रतीकात्मक मंदिर का शिलान्यास करने का महापाप किया। उस जख्म को केदारनाथ विधानसभा की जनता आज तक नहीं भूल पाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हिंदू सनातन धर्म की आड़ में राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा केदारनाथ की जनता जान चुकी है। सोना चोरी , क्यूआरकोड, गर्भ गृह की परंपराएं, मान्यताएं ताक पर रखना, गुफा का नया नामकरण करना, लाइट एंड साउंड प्रोग्राम करना, बीकेटीसी की तानाशाही ये सारे कुकृतय बीजेपी की नैया डुबा देंगे। साथ ही भारतीय जनता पार्टी का छद्म हिंदुत्व पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस की प्रवक्ता दसौनी ने कहा कि भाजपा राज में जो बेरोजगारी और महंगाई का आलम है, उससे केदारनाथ की जनता भी अछूती नहीं है। भाजपा के नेताओं की वजह से जो भर्ती प्रश्न पत्र लीक हुए, उससे केदारनाथ विधानसभा की युवाओं का भी नुकसान हुआ। अग्निवीर योजना ने उनके सपनों को भी चकनाचूर किया। साथही भाजपा नेताओं की ओर से किये जा रहे महिला दुष्कर्मों के मामलों से केदारनाथ विधानसभा की मातृशक्ति भी आहत है। इसलिए भाजपा के केदारनाथ उप चुनाव जीतने के सारे दावे मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसे हैं।
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