Video: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बयान पर बवाल, गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों ने फूंका पुतला

पिछले साल कोरोनाकाल से ही चारधाम यात्रा में संकट है। वहीं, तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं। यात्रा न चलने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, सरकार की ओर से न ही उन्हें बिजली के बिलों में रियायत की गई और न ही पानी में। वहीं, गंगोत्री में तो देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने लंबा आंदोलन भी किया। अभी तक वहां बोर्ड के हाथों में व्यवस्था नहीं आ पाई है। बोर्ड पदाधिकारियों और कर्मचारियों को विरोध के चलते रास्ते से वापस लौटना पड़ा था। ऐसे में गंगोत्री में बोर्ड का कार्यालय तक नहीं खुल पाया है।
तीर्थ पुरोहित मंदिर की व्यवस्थाएं पूर्व की भांति करने के लिए सीएम तीरथ सिंह रावत से भी मिले। उन्हें सीएम ने आश्वासन भी दिया था। इसके बावजूद सरकार के मंत्री बयान देकर मुख्यमंत्री के आश्वासन से उलट बात कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने एक बयान में कहा कि देवस्थानम बोर्ड के संबंध में सरकार कोई विचार नहीं करेगी। इससे पहले उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत जी ने देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार और 51 मंदिरों को बोर्ड से बाहर करने का बयान साधु संतों के सानिध्य में हरिद्वार में 9 अप्रैल को दे चुके हैं।
सतपाल महाराज के बयान के बाद आज गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने इतिहास में पहली बार किसी का पुतला जलाया। साथ ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को चेतावनी दी कि यदि शीघ्र आप अपना वक्तव्य वापस नहीं लेंगे तो चारों धामों के तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। साथ ही उत्तराखंड सरकार से मांग की कि सतपाल महाराज को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। प्रदर्शन करने वालों में पांच मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल, सहसचिव राजेश सेमवाल, गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष पवन सेमवाल, राकेश, शिव प्रकाश, दिनेश, कामेश्वर, संपूर्णा, विजय ,सुमेरू प्रसाद, गणेश, सुमन आदि शामिल रहे।
गंगोत्री से सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट।
सही किया