आरएसएस के आनुषांगिक संगठन ने की मोदी सरकार की आलोचना, औद्योगिक और श्रम नीतियों को बताया जनविरोधी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने नीति आयोग की उसकी जन-विरोधी नीतियों को लेकर आलोचना की। नागपुर में 13 से 17 जुलाई तक बीएमएस की कार्यशाला आहूत की गई है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने न्यूनतम गारंटी लाभ में 50 फीसदी वृद्धि की मांग की है। हम सम्मानजनक हल चाहते हैं। कार्यशाला में इस ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा हुई। हम यह भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार यथाशीघ्र श्रम संहिताएं लागू करे। सिन्हा ने कहा कि पारिश्रमिक एवं सुरक्षा संहिता ऐतिहासिक है और इसमें कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं के लिए ढेरों फायदे हैं, लेकिन औद्योगिक संबंध संहिता, पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता के कुछ प्रावधान कर्मचारियों के हित में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पहले योजना आयोग सुझाव दिया करता था, लेकिन अब उसकी जगह आये नीति आयोग में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधि भरे हुए हैं। वे ऐसे सुझाव दे रहे हैं जो जन या समाजोन्मुखी नहीं है। दुर्भाग्य से सरकार उनके सुझावों पर आगे बढ़ रही है। जो कि कर्मचारियों के हित में नहीं है और ये जनविरोधी है।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।