मानसून में हुए नुकसान के पुनर्निर्माण के लिए हर जिले को 10 करोड़ रुपये, हीमोफीलिया को लेकर सीएम धामी ने दिए निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसून सत्र 2024 के दृष्टिगत राज्य आपदा मोचन निधि के तहत होने वाले मरम्मत एवं पुनर्निर्माण (Recovery and Reconstruction) कार्यों के लिए राज्य के समस्त जिलाधिकारियों के निवर्तन पर 10 करोड़ रुपये की दर से सभी 13 जिलों के लिए कुल 130 करोड़ रुपये (एक सौ तीस करोड़ मात्र) की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबन्धन विभाग के सचिव को निर्देशित किया गया है कि तत्काल उक्त धनराशि जनपदों को आवंटित की जाय। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने समस्त जिलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि मरम्मत एवं पुनर्निर्माण मद में स्वीकृत की गयी धनराशि से शीघ्रताशीघ्र आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों का पुनर्निर्माण कराया जाय। इसमें किसी प्रकार का विलम्ब स्वीकार्य नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विगत दिनों मानसून को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि आपदा के तहत होने वाले कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्यों में जितनी धनराशि की आवश्यकता है, उसे तत्काल सभी जनपदों को दिया जाए। इसी क्रम में गुरुवार को शासन द्वारा एसडीआरएफ मद से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिये ₹ 130.00 करोड़ स्वीकृत कर दिये गये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी विभागों की पुख्ता तैयारी है। सरकार का मंतव्य स्पष्ट है कि आपदाओं के चलते आम जनमानस को कम से कम मुश्किलों का सामना करना पड़े। इसी लक्ष्य के साथ सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा है कि आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों को तत्परता के साथ संपादित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम धामी ने कहा कि आपदा संबंधी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मानसून सीजन में आम लोगों को बिजली, पानी, खाद्यान्न, चिकित्सा आदि से संबंधित किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग लगातार हालात की निगरानी कर रहा है। राज्य व जनपद स्तर पर आपातकालीन परिचालन केंद्र 24X7 कार्यरत हैं और आम जनता को राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हीमोफीलिया फैक्टर व दवाईयों की नहीं होगी कोई कमी
राज्य में हीमोफीलिया मरीजों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री ने आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार से राज्य में हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों की संख्या व उनको मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिये हैं कि हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को हीमोफीलिया फैक्टर व दवाईयों की कोई कमी नहीं होने दी जाये। प्रत्येक मरीज को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले इसका पूरा ध्यान रखा जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 273 हीमोफीलिया से ग्रसित रोगी पंजीकृत है। जिनके उपचार हेतु राज्य सरकार द्वारा आवश्यक हीमोफीलिया फैक्टर (सात, आठ व नौ) निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा पूर्व में हीमोफीलिया से ग्रसित रोगियों को फैक्टर के लिए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून, एसएसजे बेस हल्द्वानी नैनीताल एवं संयुक्त चिकित्सालय कोटद्वार, पौडी जाना पड़ता था। पिछले पाँच वर्षों से प्रदेश के सभी हीमोफीलिया के ग्रसित रोगियों को उपचार के लिए हीमोफीलिया फैक्टर उनकी निकटतम् चिकित्सा ईकाई पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया वर्तमान में राज्य में फैक्टर-7 पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा शीघ्र ही सम्बन्धित चिकित्सा ईकाईयों को फैक्टर-8 और फैक्टर-9 भी उपलब्ध करा दिये जायेगें। स्वास्थ्य सचिव ने अवगत कराया कि उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया है कि वह व्यक्तिगत रूप में प्रत्येक माह हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को मिल रही सुविधाओं की समीक्षा करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने जिलों के जिला नोडल अधिकारियों को निर्देशित करें कि वह प्रत्येक माह हीमोफीलिया मरीजों को मिल रही सुविधाओं का संज्ञान ले। इस बीमारी को लेकर सरकार की ओर से निःशुल्क दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी आम जनता को उपलब्ध कराए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि हीमोफीलिया एक वंशानुगत रक्त विकार है। इसमें पीडित व्यक्ति के खून का थक्का पूरी तरह नहीं बनता है। हीमोफीलिया पीडितों के खून में थक्का जमाने वाले आवश्यक प्रोटीन (फैक्टर) की कमी या अनुपस्थिति होती है और चोट लगने पर रक्तस्त्राव जारी रहता है। यह रोग आमतौर पर पुरुषों को प्रभावित करता है। महिलाओ में इस रोग के लक्षण अक्सर दृष्टिगोचर नहीं होते हैं पर वह रोग की वाहक होती है। कभी कभार यह रोग महिलाओ को प्रभावित करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा हीमोफीलिया युक्त व्यक्तियों के रक्तस्त्राव तेज नही होता अपितु लगातार व लम्बी अवधि तक होता रहता है। सामान्य व्यक्ति, बाह्य चोट जैसे कटने, छिलने चोट लगने से बचाने का ध्यान रखता हैं, किन्तु हीमोफीलिया में बाह्य चोट के अलावा अंदरूनी रक्तस्त्राव भी बहुत गम्भीर हो सकता हैं। जिससे कि हाथ व पैरों के जोडों व मांसपेशियों के अकडाहट, दर्द, जोडों का खराब होना, विकलांगता और कई बार मृत्यु का कारण भी बन जाता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।