आरपी जोशी की कविता- एक दिन कहानी बन जाएंगे
एक दिन कहानी बन जाएंगे
तुम-हम, हम-तुम, हम सब
फिर हमारे पीछे रह जाएंगी बस कहानियां
तुम्हारी हमारी, हमारी तुम्हारी, हम सब की
वैसे कहानियों में हम सब अच्छे ही होते हैं
भले ही आज कितने ही बुरे क्यों न हों हम
कहानियों में हमें सबका प्यार ही मिलता है (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
भले ही आज सिर से पांव तक नफरत से भरे हों हम
भावुक होती हैं कहानियां कि सबकी आँखें भर आती हैं
भले ही आज कितनी ही आंखों में चुभते क्यों न हों हम
कहानियां होती हैं ऐसी जिनमें होते हैं अनगिनत किस्से
किस्से खुशियों के, ग़मों के, और हमारे जीवन के संघर्षों के
किस्से हमारी शरारतों के, हमारी अच्छी बुरी आदतों के (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
वैसे कहानियों में हमारे अवगुण भी गुण बन जाते हैं
हमारे अक्षम्य अपराध भी पल भर में भुला दिए जाते हैं
असल जिंदगी से कहानियों का दौर ही अच्छा लगता है
इस किरदार से कहानियों का किरदार ही सबको सच्चा लगता है
कवि का परिचय
आर पी जोशी “उत्तराखंडी”
अनुदेशक
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान टांडी (नैनीताल)
मूल निवासी – तल्ली मिरई, द्वाराहाट, जिला अल्मोड़ा, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।