Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 24, 2025

सड़क दुर्घटनाएं कोविड महामारी से ज्यादा भयंकर महामारीः डॉ. संजय

छठवां संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष में संजय आर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर, जाखन, देहरादून की ओर से गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार, उत्तराखंड के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान के सभागार में एक गोष्ठीआयोजित की गई।

छठवां संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष में संजय आर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर, जाखन, देहरादून की ओर से गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार, उत्तराखंड के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान के सभागार में एक गोष्ठीआयोजित की गई। इसमें मुख्य अतिथि एवं वक्ता पद्मश्री से समानित डॉ. बीकेएस संजय, ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. गौरव संजय, गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलपति डॉ. रूप किशोर शास्त्री, कुल सचिव डॉ. सुनील कुमार, प्रो. देवेन्द्र सिंह मलिक, डॉ. नितिन काम्बोज, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. नितिन भारद्वाज ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की फैकल्टीज के अलावा 300 से अधिक विद्याार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति सजग किया गया। इस वर्ष सड़क सुरक्षा की थीम- स्टीट्स फॉर लाईफ, लव 30 है। शहरों में वाहनों की गति 30 किमी/घंटा की गति की सीमा में रखनी चाहिए। वैसे भी दुर्घटना होने पर वाहन की जितनी ज्यादा गति होती है उतनी ज्यादा क्षति होती है।

पद्म श्री से सम्मानित डॉ. बीकेएस संजय ने अपने सम्बोधन में बताया कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या एवं दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या ने देश में एक महामारी का रूप धारण कर लिया है। जो कि कोविड महामारी से ज्यादा भंयकर है। अपने देश में सड़कों पर वाहन चालकों के आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन एक आम बात हो गई हैं । दूसरी बात यह है कि सड़क पर चलने वाले भारतीय यातायात के नियमों को तोड़ने में गर्व महसूस करते हैं। डॉ. संजय ने बताया कि रात की दुर्घटनाऐं जानलेवा होती है। दुर्घटनाओं का आंकलन करने से पता चलता है कि चालक की थकावट, उनमें नींद का अभाव तथा नशे का प्रभाव प्रमुख कारण हैं। जिसको उत्तराखंड के चम्पावत, तोता घाटी, चकराता एवं असम, महाराष्ट्र की दुर्घटनाऐं इस बात को सिद्ध करती है।

इंडिया एवं इन्टरनेशनल बुक रिकॉर्डस होल्डर आर्थोपीडिक सर्जन डॉ गौरव संजय ने बताया कि हर साल लगभग पांच लाख सडक दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिसमें से एक चौथाई लोगों की तो मौत हो जाती है और केवल एक चौथाई लोग ही अच्छे इलाज के बावजूद ठीक हो पाते हैं जबकि अन्य में कुछ ना कुछ परेशानियां बनी रहती हैं जिससे न केवल पीड़ितों की बल्कि देश की भी आर्थिक स्थिति बिगड रही है। सड़क दुर्घटना के बाद गरीब आदमी और गरीब होता जा रहा है।

कोरोना महामारी का कारण तो कोरोना वाइरस है जो इतना सूक्ष्म है कि हम देख नहीं सकते। इसलिए पकड़ नहीं सकते, लेकिन सड़क दुर्घटना के कारक जो कि चालक हैं, जिनके कारण 90 फीसद सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उनको तो सरकार पकड़ सकती है और इस तरह के लोगों को वाहन चलाने से रोक सकती है। ऐसे लोगों को ड्राईवरी के अलावा कोई और काम दिया जा सकता है। इससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है। सड़क सुरक्षा अभियान के दौरान पिछले स्कूलों-कॉलेजों की भाँति यह पर भी उपस्थित युवा छात्रों को सड़क सुरक्षा यातायात के नियमों को पालन करने की शपथ दिलाई। इसी कड़ी में क्रमशः सड़क सुरक्षा जागरूकता व्याख्यान को दूसरे संस्थानों में तय किया गया है। इनमें वैदिक तपोवन आश्रम देहरादून, तुला इंस्टिट्यूट देहरादून ऑल इंडिया रेडियो देहरादून इत्यादि शामिल हैं।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page