RIIG शिखर सम्मेलन संपन्न, अंतिम दिन G20 प्रतिनिधियों ने किया IIT मुंबई का दौरा
भारत की अध्यक्षता में G20 रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग समिट (RIIG) और रिसर्च मिनिस्टर्स की बैठक मुंबई में संपन्न हो गई। बैठक के अंतिम दिन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह G20 अनुसंधान मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय मंत्री ने दुनिया के सामने मौजूद विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए रचनात्मक और सार्थक विचार-विमर्श के लिए G20 देशों को धन्यवाद दिया। बैठक के दौरान 29 G20 सदस्यों के अनुसंधान मंत्रियों सहित लगभग 100 विदेशी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरआईआईजी शिखर सम्मेलन और अनुसंधान मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के बाद G20 प्रतिनिधियों ने गुरुवार को अनुसंधान और नवाचार सुविधाओं को देखने के लिए आईआईटी बॉम्बे का दौरा किया। वहां उन्होंने भारत में अग्रणी अनुसंधान और नवाचार सुविधाओं के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की। इससे पहले आरआईआईजी बैठकों के दौरान सदस्य देशों ने ऊर्जा सामग्री और उपकरणों से संबंधित चुनौतियों, सौर ऊर्जा उपयोग और फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा के लिए सामग्री और प्रक्रियाओं सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने सदस्यों को उनकी सक्रिय भागीदारी और हमारे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर मूल्यवान इनपुट और टिप्पणियों के साथ भारत के आरआईआईजी एजेंडे का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य-2023 को प्राप्त करने में योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इनमें सतत ऊर्जा के लिए सामग्री, चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था, ऊर्जा संक्रमण के लिए पर्यावरण-नवाचार और टिकाऊ नीली-अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिक चुनौतियां और अवसर शामिल हैं, जो समावेशी सामाजिक विकास और प्रगति के लिए अनुसंधान और नवाचार के महत्व को दर्शाते हैं। मुंबई में बैठक से पहले कोलकाता, रांची, डिब्रूगढ़, धर्मशाला और दीव में भी आरआईआईजी की बैठकें आयोजित की जा चुकी है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।