डिजिटल पेमेंट को चार्जेबल बनाने का अभी नहीं आया सही समयः वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण का बयान भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ओर से भुगतान प्रणाली में प्रस्तावित विभिन्न परिवर्तनों पर जनता से प्रतिक्रिया मांगने की पृष्ठभूमि के खिलाफ आया। इसमें एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) के माध्यम से किए गए लेनदेन पर टियर शुल्क लगाने की संभावना शामिल है। वहीं, भारत सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) सेवाओं पर कोई शुल्क नहीं लगाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अभी भी लगता है कि इसे चार्जेबल बनाने का यह सही समय नहीं है। हम अधिक से अधिक खुले डिजिटल लेनदेन, डिजिटलीकरण और प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं जो लोगों के आसानी से पेमेंट करने को सक्षम कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस वित्तीय वर्ष में 7.4 फीसद की दर से बढ़ेगी जीडीपी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में जीडीपी 7.4% की दर से बढ़ेगी और इसके वित्तीय वर्ष 23-24 में भी इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि चुनाव से पहले मुफ्त उपहार देने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों को सत्ता में आने पर होने वाले खर्च के लिए बजटीय प्रावधान करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने भी अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत की वृद्धि दर सबसे तेज रहने का अनुमान लगाया है और उनके अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों से मेल खाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। वित्त मंत्री शुक्रवार को FE Best Banks Awards कार्यक्रम के दौरान बोल रही थीं। वित्त मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि देश के निर्यात क्षेत्र को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वैश्विक विकास धीमा हो गया है। दूसरी ओर उन्होंने निर्यातकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार ऐसी संस्थाओं के साथ लगातार सहयोग करती रहेगी ताकि वे विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महंगाई अब भी गंभीर स्थिति मेंः आरबीआई डिप्टी गवर्नर
वहीं दूसरी ओर भारती रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा है कि इन्फ्लेशन ट्रॉजेक्टरी अब भी गंभीर बना हुआ है। ऐसा भू-राजनीतिक गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमोडिटीज की बढ़ती कीमतों के कारण है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।