भूकंप से क्षति को कम करने को किए जा रहे कार्यों की हुई समीक्षा
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की बैठक में भूकंप से होने वाली क्षति को कम करने के लिए प्रदेश में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की गई। साथ ही आगे की रणनीति पर विचार किया गया।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मुख्य कार्यधिकारी श्रीमती रिदिम अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि उत्तराखंड राज्य भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। सम्पूर्ण राज्य भूकम्प की श्रेणी में जोन 4.5 में आता है। प्रदेश में छोटे तथा मध्य श्रेणी के भूकंप दर्शा रहे हैं कि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ रही हैं। यह तथ्य सर्वविदित है कि भूकम्प किसी को नही मरता। मारती है तो कमजोर संरचनाएं।
बैठक में बताया गया कि भूकंप से होने वाली क्षती को कम करने के लिए उत्तराखंड के अंतर्गत भूकंप सुरक्षा के दृष्टिगत विगत के वर्षों में कईं कार्य उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA)की ओर से कई राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय परियोजनाओं के अंतर्गत सम्पादित हुई है और कुछ परियोजनाएं गतिमान हैं। जिनमे से राज्य में भूकंप जोखिम का ब्लाक स्तर तक आंकलन किया गया है। इससे भविष्य में होने वाले नुकसान का विभिन्न सेक्टरों में मूल्यांकन किया गया है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में लगभग 18000 सरकारी भवनों की रैपिड विसुअल स्क्रीनिंग (RVS) की गई है। इसके आधार पर भवनों की घातकता को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है। यह डेटा सभी लाइन विभागों को सुनियोजित तरीके से भूकंप सुरक्षित बनाने के लिए उपलब्ध भी कराया गया है। वर्तमान में 90 अस्पतालों की रेट्रोफिटिंग DPR का कार्य भी प्रतिपादित किया गया है। चरणबद्ध तरीके से इन भवनों की रेट्रोफिटिंग का कार्य भी किया जा रहा है।
बैठक में ये भी बताया गया कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भूकम्प अवरोधी निर्माण शैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षमता विकास के कार्यक्रमों पर अधिक बल दिया गया है। इसमे तकनीकी संस्थानों जैसे-आइआइटी रुड़की, सीबीआइआइ रुड़की के साथ मिल कर राजमिस्त्री प्रशिक्षण, इंजीनर्स ट्रेनिंग कार्यक्रम कराये गए हैं। एवं विभिन्न निर्माणदायी संस्थाओं में उक्त विषय हेतु जनजागरूकता को बढ़ावा दिया गया है।
बताया गया कि बेहतर आपदा अवरोधी निर्माण शैली और बेहतर निर्माण कार्य तकनीक का इस्तेमाल करके हम भूकंप से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। इसके लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्रधिकरण भारत सरकार के सहयोग से धरातल पर कार्य कर रहा है। वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय राज्य में दो परियोजनाएं गतिमान हैं। इनमें से नेशनल सिस्मिक रिस्क मिटिगेशन परियोजना (NSRMP) उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से सभी लाइन विभागों जैसे रूरल वर्क विभाग, रेवेन्यू आदि के साथ सामंजस्य स्थापित कर के परियोजना के विभिन्न कंपोनेंट्स में कार्य किया जा रहा है।
USDMA की देख रेख में प्रतिपादित किये जा रहे इन कार्यों में विभागों के भवनों का रेट्रीफिटिंग करने तथा राज्य के संवेदनशील पुलों का रेट्रोफिटिंग तथा डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का कार्य गतिमान है। वर्तमान में भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सामंजस्य से पायलट प्रोजेक्ट, जिसमे भूकंप की दृष्टी से संवेदनशील इमारतों की रेट्रीफिटिंग की जानी प्रस्तावित है। इनमे ग्रामीण विभाग के सहयोग से विभिन्न कार्यों को किया जाना है। जिसमे पांच सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग,1 5 भवनों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी का कार्य सीबीआरआई रुड़की को सौंपा गया है। तथा परियोजना के अंतर्गत मॉडल रूप में 5 भवनों की रेट्रोफिटिंग किया जाना एवं टेक्निकल डेमोनस्ट्रेशन यूनिट को आंगनवाड़ी सेन्टर के रूप में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इसके माध्यम से राज्य में सिविल कंस्ट्रक्शन कार्यक्रम, राज्य मिस्त्री प्रशिक्षण, लैब वर्क आदि किया जाए। ताकि भूकंप की दृष्टी से अति सवेंदनशील राज्य उत्तराखंड के तहत होने वाले कार्यों का क्रियान्वयन कर रहे विभागो , इंजीनियर्स का क्षमता विकास हो सके। साथ ही भूकम्प अवरोधी निर्माण शैली को बढ़ावा मिले।
बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के डॉ. गिरीश चन्द्र जोशी, वरिष्ठ परामर्शदाता शैलेश घिल्डियाल, सहायक परामर्शदाता ने भी प्रतिभाग किया। बैठक में ग्रामीण विभाग के चीफ वाईडी पांडे के साथ चर्चा के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भारत सरकार की परियोजनाओं के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इन परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों को समय से पूर्व सम्पादित किये जाने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य में जो नए निर्माण कार्य हो रहें है वह भवन कानून के आधार पर हों। साथ ही साथ अधिक से अधिक इंजीनियर ट्रेनिंग, राजमिस्त्री प्रशिक्षण राज्य में कराए जाएं। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए गए कि स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिए सीबीआरआई रुड़की से संक्षिप्त प्रस्ताव प्राप्त कर के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।