हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर सेवानिवृत्त शिक्षक कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता- पत्रकार

पत्रकार
नारद जी पहले पत्रकार हुये
समाचार संकलित करते थे
देवता से लेकर दानव तक
नारदजी इन्टरव्यू लेते थे।
पत्रकारिता कठिन कार्य है
सत्य को ये सामने लाते है
लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है
कलम इनकी तलवार है।
विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते
सत्य जानने के लिये दौड लगाते
जान जोखिम में डालकर
जनहित में ये जिम्मेदारी उठाते।
गलत तत्वों की कारगुजारियों को
समाज के समुख ये लाते है
समाचार की सत्यता के लिये
खतरे से भी ये टक्करा जाते है।
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।