यूकेएसएसएससी के नए अध्यक्ष बने सेवानिवृत्त आइपीएस गणेश सिंह मर्तोलिया, जानिए उनके बारे में विस्तार से

आज शासन ने गणेश सिंह मर्तोलिया को अध्यक्ष बनाने संबंधी आदेश जारी कर दिए। इसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अधिनियम, 2014 की धारा -7 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गणेश सिंह मर्तोलिया, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए सहर्ष स्वीकृति प्रदान की है। ये आदेश सचिव शैलेश बगोली की ओर से जारी किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जीएस मर्तोलिया काफी साल पहले देहरादून में एसपी सिटी रहे। इसके बाद वह अन्य जिलों में भी तबादलों में गए और फिर दौबारा जब उन्हें देहरादून में तैनाती मिली तो एसएसपी के रूप में उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया। केदारनाथ आपदा के समय उन्होंने भी रेस्क्यू अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एसएसपी के प्रमोट होकर वह डीआइजी बने और फिर आइजी के पद से सेविनिवृत हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह एक के बाद एक घोटाले होते रहे उजागर
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 41 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। साथ ही आयोग से सचिव संतोष बडोनी पहले पद से हटाया गया। फिर उन्हें निलंबित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई भर्तियों की जांच को कमेटी गठित कर दी थी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बड़ा एक्शन लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने विधानसभा में 480 में से 228 नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। ये 2012 के बाद से की गई तदर्थ नियुक्तियां हैं। इनमें उपनल से की गई 22 भर्तियां भी रद्द कर दी गईं। इसके साथ ही उन्होंने सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया था। साथ ही कहा गया कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल की भूमिका की जांच की जाएगी। वहीं बताया गया कि 2012 से पहले हुई नियुक्ति पर विधिक जांच होगी। इसके बाद वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष पर भी अपने स्टाफ में उत्तराखंड से बाहरी लोगों को नियुक्ति देने के आरोप लगे। हालांकि ये नियुक्तियां उनके कार्यकाल तक ही रहेंगी।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।