Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 11, 2025

नवरात्र में हुई देवी पूजा, इसके बाद दो महिला आइएएस अधिकारियों से छीने दायित्व

नवरात्र में नारी शक्ति की पूजा की गई। नवरात्र गए और पूजा निपटी। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने दो महिला आइएएस अधिकारियों से उनके दायित्व छीन लिए। इन अधिकारियों के दायित्व में किए गए बदलाव को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नाराजगी माना जा रहा है। हालांकि इसे लेकर उत्तराखंड सरकार के आदेशों को मानने में हीलाहवाली बताया जा रहा है।
इस फेरबदल के तहत अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार से औद्योगिक विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग, राजकीय मुद्रणालय रुड़की एवं मुख्य कार्यकारी निदेशक खादी ग्रामोद्योग विभाग के दायित्व वापस लिए गए हैं। वहीं, रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी वंदना सिंह को शासन में अपर मुख्य सचिव कार्मिक के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
गुरुवार की देर शाम हुए इन महिला अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। सोशल मीडिया में इसे लेकर तरह तरह की पोस्ट डाली जा रही है। कुछ दिन पहले ही नवरात्र पूरे देश और दुनियां के हिंदुओं ने मनाया। नवरात्र बीतने के बाद अचानक दो महिलाओं के एक साथ इस तरह के फेरबदल को कार्रवाई को सरकारी की नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है।
बैठक में शामिल न होने पर हटाया रुद्रप्रयाग से
चर्चा है कि मुख्यमंत्री की नाराजगी के कारण यह कदम उठाया गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक की सूचना सभी अधिकारियों को दे दी गई थी। जिलाधिकारियों को इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल होना था। बैठक में जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग वंदना सिंह तय समय पर उपस्थित नहीं हुईं। बताया गया कि इससे पहले वह किसी अन्य कार्यक्रम में शामिल हुईं।


मनीषा से तबादले को लेकर थी नाराजगी
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार से कई अहम दायित्व वापस लिए जाने के पीछे जो कारण बताया गया, उसके अनुसार कुछ समय पहले उन्हें एक विभाग के अधिकारी का तबादला करने को कहा गया था। उन्होंने यह तबादला तो किया, लेकिन हीलाहवाली के बाद। इससे पहले भी सरकार ने उन्हें महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में तैनात किया था, लेकिन उन्होंने वहां ज्वाइनिंग नहीं दी। माना जा रहा है कि अधिकारियों को कड़ा संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने यह कदम उठाया। गौरतलब है कि इससे पहले भी अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर मंत्री और विधायक सवाल उठाते रहे हैं।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *