टनल में रेस्क्यू, मशीन दे रही धोखा, खुदाई बंद, अब हाथ से हटेगा मलबा, डेरा जमाए हुए हैं सीएम धामी
दिवाली के दिन 12 नवंबर की सुबह से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकालने को लेकर रेस्क्यू जारी है। रेस्क्यू का आज 14वां दिन है। सीएम धामी खुद उत्तरकाशी में ही डेरा डाले हुए हैं। वहीं, उन्होंने कैंप कार्यालय बनाया है और वह सरकारी कामकाज भी वहीं से निपटा रहे हैं। बार बार मशीन धोखा दे रही है। ऐसे में अब हाथ से ही मलबा हटाने की रणनीति बनाई जा रही है। इस पर आज से काम शुरू हो सकता है। ये काम दो तरफा होगा। यानि की बाहर की तरफ से भी और भीतर फंसे मजदूरों की ओर से भी।
ये है ताजा स्थिति
एक बार फिर से ऑगर मशीन के सामने लोहे जैसी कोई चीज दोबारा आने के बाद मशीन से ड्रिलिंग का काम रोकने का फैसला लिया गया है। यानी इसमें अभी और वक्त लग सकता है। ऐसे में 41 मजदूरों को बाहर निकालने का इंतजार और बढ़ गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमों ने अब तक 46.8 मीटर की ड्रिलिंग कर ली है। कभी सरिया तो कभी पत्थर मजदूरों तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं। इस बीच ऑगर मशीन में आई खामी के बाद ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा है। फिलहाल करीब 10 से 12 मीटर की ड्रिलिंग अभी बाकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब मैनुअल चलाया जाएगा अभियान
ऑगर ड्रिलिंग मशीन के आगे बार-बार आ रही बाधा के चलते अब मैनुअल अभियान चलाया जाएगा। मैनुअल ड्रिलिंग में समय लग सकता है। इसमें अंदर फंसे मजदूर भी खेवनहार बन सकते हैं। यह विचार कल से ही चल रहा है। विचार किया जा रहा है कि भीतर फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए। साथ ही बार की तरफ से भी ऑगर मशीन की जगह मैनुअली कचरा हटाया जाए तो ये ज्यादा सुरक्षित होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा में रेस्क्यू अभियान पर नजर रखे हुए हैं। इसके लिए वह बुधवार 22 नवंबर से उत्तरकाशी में ही जमे हुए हैं। दिन में वह श्रमिकों का हौंसला बढ़ाते रहते हैं। साथ ही भीतर फंसे श्रमिकों से भी बात करते रहते हैं। उन्होंने मातली (उत्तरकाशी) में अस्थायी कैंप कार्यालय बनाया हुआ है। यहीं से उन्होंने शुक्रवार को शासकीय पत्रावलियों का निस्तारण किया और सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशलता के लिए मातली में ही डटे हैं। शासकीय कार्य बाधित न हो, इसके मद्देनजर मातली से ही सीएम का अस्थायी कैम्प कार्यालय संचालित हो रहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने जरूरी शासकीय पत्रावलियों को निस्तारित करने के साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। शाम को मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा पहुंचकर वहां चल रहे रेस्क्यू अभियान का निरीक्षण किया और अभियान में जुटी टीम से वार्ता कर आवश्यक जानकारी ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।