टनल में फंसे मजदूरों के लिए रेस्क्यू जारी, मशीन ने दिया धोखा, टूटा श्रमिकों के सब्र का बांध, किया प्रदर्शन, जानिए अपडेट
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार 12 नवंबर की तड़के हुए भूस्खलन के चलते 40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। तकनीकी विशेषज्ञों का दावा है कि आज बुधवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। इन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरा और मलबे ने राह रोकी और फिर मशीन खराब हो गई। वहीं, खबर ये भी है कि भीतर फंसे मजदूरों में कुछ ही ऑक्सीजन की कमी से तबीयत बिगड़ गई। इन्हें दवाई भेजी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मजदूरों का विरोध प्रदर्शन जारी
टनल के बाहर मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन किया। निर्माणाधीन कंपनी से जुड़े कई अधिकारी मजदूरों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन वार्ता विफल रही। बैकअप में दूसरी मशीन नहीं रखने और रेस्क्यू काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए सुरंग के बाहर आक्रोशित मजदूर प्रदर्शन आरंभ किया। मजदूरों का कहना है कि बैकअप में दूसरी मशीन तैयार रखनी चाहिए थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड सहित इन राज्यों के फंसे हैं श्रमिक
जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 40 व्यक्ति फँस गए। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल की ओर सेउपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार फँसे हुये व्यक्तियों में से 02 उत्तराखंड, एक हिमाचल, चार बिहार, तीन पश्चिम बंगाल, आठ उत्तर प्रदेश, पांच उड़ीसा, 15 झारखंड, और दो असम के श्रमिक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय गृह मंत्रालय बराबर ले रहा अपडेट
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी लगातार संपर्क में है। जो भी प्रगति और कार्रवाई है, उससे केंद्र को भी अवगत कराया जा रहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारी बराबर पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहत एवं बचाव कार्य जारी
गत रविवार सुबह साढ़े पांच बजे यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी टनल में भारी भूस्खलन हुआ था। जिससे सुरंग निर्माण में लगे 40 मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें बाहर निकालने के लिए विभिन्न एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लगातार पहुंचाई जा रही है ऑक्सीजन
उत्तरकाशी की इस सुरंग हादसे में श्रमिकों को ऑक्सीजन के साथ खाद्य सामग्री, पानी व दवाएं पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि वह सकुशल निकल आएंगे। इतना जरूर है कि बाहर आने पर उन्हें काउंसलिंग की आवश्यकता होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एयरफोर्स के तीन विमान से लाई जा रही मशीन
रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के आ रहे हैं जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा। आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी। अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। नॉर्वे की एन जी आई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके। भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली से मंगवाई जा रही एडवांस मशीन
खराब हुई ऑगर मशीन के स्थान पर अब ड्रिलिंग के लिए ज्यादा एडवांस मंशीन दिल्ली से मंगवाई जा रही है। जो वायु सेना की मदद से पहुंचाई जाएगी। राहत एवं बचाब कार्य की कमान संभाल रहे कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए अमेरिका में निर्मित नई ऑगर मशीन मंगवाई जा रही है। जो ज्यादा तेजी से काम करेगी। बताया कि अब इस पूरे राहत एवं बचाव कार्य में मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी सक्रिय हो गयी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।