वोटों को लेकर धर्म का इस्तेमाल, फैलाया जा रहा है मायाजाल
धर्म का कार्य है लोगों को सदाचारी और प्रेममय बनाना और राजनीति का उद्देश्य है लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये उनके हित में काम करना। अब यहां देखें तो दोनों के उद्देश्य लोगों के भले के लिए है। वहीं, यदि वोटों को लेकर राजनीतिक में धर्म का इस्तेमाल किया जाए तो हम क्या कहेंगे। अब तो जो कोई सर्वधर्म की बात करे, उसे एक विशेष पार्टी के लोग देशद्रोही तक करार देने लगे हैं। कभी इस तरह के गीत खूब सुनने को मिलते थे-हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब हैं भाई भाई। ऐसे गीत सुनने को नहीं मिलते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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अब कांग्रेस भी चुनावों में बीजेपी की तरह की सॉफ्ट हिंदुत्व और राम के नाम का सहारा लेने की जुगत में जुट गई है। अब सवाल ये उठता है कि क्या कांग्रेस सर्वधर्म का सिद्धांत भूल गई है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 4-5 महीने दूर हैं, लेकिन कांग्रेस लोकलुभावाने वायदों के साथ सभी 230 विधानसभाओं में सुंदरकांड और रुद्राभिषेक कराने की बात कह रही है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।