रिलायंस जियो ने 5जी स्टैंडअलोन नेटवर्क के रोलआउट में अमेरिका और यूरोप को पछाड़ा

भारत ने 5G स्टैंडअलोन (SA) नेटवर्क के रोलआउट में अमेरिका और यूरोप को पीछे छोड़ दिया है। इसमें रिलायंस जियो की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है। Ookla की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत 52 फीसद 5G SA उपलब्धता के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जबकि चीन 80 फीसद के साथ शीर्ष पर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूरोप में यह आंकड़ा मात्र 1फीसद है, जो भारत की तेज़ प्रगति को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 5G SA की तेज़ी से बढ़ती उपलब्धता के पीछे जियो का आक्रामक नेटवर्क विस्तार और 700 MHz स्पेक्ट्रम का व्यापक उपयोग प्रमुख कारण हैं। इस लो-बैंड स्पेक्ट्रम ने देशभर में गहरी और विश्वसनीय कवरेज सुनिश्चित की है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी 5G की पहुंच संभव हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत 5G SA डाउनलोड स्पीड में भी आगे है, जहां जियो की मदद से औसत स्पीड 260.71 Mbps तक पहुंच चुकी है। जिसकी तुलना में, चीन में 224.82 Mbps और जापान में 254.18 Mbps की स्पीड दर्ज की गई है, जबकि यूरोप में यह केवल 221.17 Mbps रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारतीय 5G SA नेटवर्क के विस्तार की तेज़ गति का श्रेय टेलीकॉम ऑपरेटरों के निवेश को दिया जा सकता है, जिसमें जियो सबसे आगे है। कंपनी का ऑल-आईपी नेटवर्क और उन्नत टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम, भारत को वैश्विक 5G प्रतिस्पर्धा में एक सशक्त खिलाड़ी बना रहा है। Ookla की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दिखाती है कि रिलायंस जियो भारत को 5G SA युग में अग्रणी बना रहा है, जिससे देश डिजिटल क्रांति में एक नया अध्याय लिख रहा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।