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September 10, 2025

उत्तराखंड के कई जिलो में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट, प्रदेशभर के स्कूलों में छुट्टी, उत्तरकाशी में पुल के ऊपर बह रही यमुना, सीएम ने दिए ये निर्देश

उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बादल बरस रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन के चलते सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं। वहीं, मैदानी इलाकों में चौराहे और सड़कें तालाब का रूप ले रही हैं। हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून में ऐसी समस्या ज्यादा है। नालों का जल स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों के लोगों को सचेत किया जा रहा है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर और हरिद्वार जिले में आज एक सितंबर के लिए कहीं कहीं अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, अन्य जिलों में ओरेंज अलर्ट है। ऐसे में प्रदेशभर के पहली से लेकर 12वीं तक के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जिला प्रशासन की ओर से अवकाश घोषित किया गया है। वहीं, आने वाले दिनों में भी कहीं कहीं ओरेंज या फिर येलो अलर्ट है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तरकाशी जिले में स्यानाचट्टी में बढ़ा झील का स्तर, पुल के ऊपर बह रही यमुना
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम के अहम पड़ाव स्याना चट्टी में दो माह से आपदा के हालात बने हुए हैं। लगातार वर्षा से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। स्यानाचट्टी में कुपड़ा गाड से आया भारी मलबा नदी का प्रवाह अवरुद्ध कर रहा है। सिंचाई विभाग की तीन एक्सावेटर मशीनें लगातार मलबा हटाने में जुटी हैं, लेकिन नियमित वर्षा से हालात जस के तस हैं। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पुल अब पूरी तरह खतरे की जद में है। यमुना नदी में लगातार सिल्ट आने से नदी का तल काफी ऊपर उठ चुका है। परिणामस्वरूप नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है और आस-पास बने होटलों की निचली मंजिलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आपदा से अब तक 77 मौत
राज्य आपदा परिचालन केंद्र की ओर से 31 मार्च की शाम को जारी रिपोर्ट में बताया गया कि एक अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक आपदा से राज्यभर में कुल 77 लोगों की मौत हो चुकी है। 108 लोग घायल हुए हैं और 95 लोग लापता हैं। 88 बड़े और 1481 छोटे मवेशी आपदा से मर चुके हैं। 1828 आंशिक, 71 मकान हल्के क्षतिग्रस्त और 229 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विभाग की ओर से अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश के अधिकांश जनपदों के लिए जारी रेड तथा ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए शासन तथा जनपद स्तरीय अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने तथा 24×7 अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य के सामने लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएं। भूस्खलन के दृष्टिगत मार्गों में विशेष सतर्कता बरती जाए तथा मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की आशंका को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से हर स्थिति पर नजर रखी जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आपदाओं में बेघर हो गए हैं, सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और उनके बेहतर से बेहतर पुनर्वास के लिए हर स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्रता से कार्य करते हुए मैदानी जनपदों में पुनर्वास किए जाने के विकल्पों पर भी कार्य करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस कठिन घड़ी में हम सभी प्रभावित भाइयों-बहनों की पीड़ा को गहराई से समझते हैं। राज्य सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि हम उनकी भावनाओं और संवेदनाओं से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से भी अपेक्षा की कि उनके दुख को अपना दुख मानकर, उनके पुनर्वास और जीवन को सामान्य बनाने के लिए पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनपदों में अधिकारी फील्ड में रहें और राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करें। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में गृह सचिव शैलेश बगौली, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव आंनद स्वरूप, एससीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो ओबैदुल्लाह अंसारी, हेमंत बिष्ट, रोहित कुमार आदि मौजूद रहे। वहीं प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव लोनिवि पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, मंडलायुक्त विनय शंकर पाण्डेय, दीपक रावत बैठक में वर्चुअल शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तमक में बैली ब्रिज जल्द बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने ज्योतिर्मठ-मलारी नेशनल हाईवे में तमक नाले में बहे पुल को लेकर बीआरओ के अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह पुल राज्य के साथ ही देश के लिए भी सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए यहां जल्द से जल्द बैली ब्रिज बनाकर यातायात को सुचारु किया जाए। उन्होंने कहा बीआरओ को यदि राज्य के स्तर से किसी भी प्रकार की मदद की दरकार है तो वह तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडेय को बीआरओ के अधिकारियों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गंगोत्री हाइवे को यातायात के लिए बनाया जाए सुरक्षित 
मुख्यमंत्री ने यात्रा प्रारंभ होने से पहले गंगोत्री हाइवे को सुरक्षित बनाने तथा बेहतर स्थिति में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से यात्री एक भरोसे के साथ चार धाम यात्रा के लिए आते हैं, उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाना हमारा कर्तव्य है, इसमें ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुनः दोहराया कि बरसात समाप्त होने के बाद सभी सड़कों में पेचवर्क तथा नई सड़क बनाने का कार्य हर हाल में प्रारंभ हो जाए। इसमें किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि टेंडर तथा अन्य जो भी औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं, उन्हें इसी बीच पूरा कर लिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हर्षिल तथा स्यानाचट्टी में रिवर चैनेलाइजेशन जरूरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के हर्षिल तथा स्यानाचट्टी में बनी झीलों की स्थिति तथा जल निकासी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्यानाचट्टी में झील के जलस्तर में पुनः वृद्धि की सूचना मिली है, वहां 24×7 नजर रखी जाए तथा राहत एवं बचाव दल हर वक्त वहां तैनात रहें। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पुल को किसी प्रकार का खतरा न हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को निर्देश दिए कि झील के जलस्तर को कम करने तथा अधिक मात्रा में झील से जल निकासी के लिए समुचित प्रयास किए जाएं। उन्होंने स्यानाचट्टी के लोगों की सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखने तथा बिजली पानी की उपलब्धता हर समय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। माननीय मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि हर्षिल तथा स्यानाचट्टी में काफी मात्रा में मलबा जमा हो गया है, जिसे नदी से हटाया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर मड डिस्पोजेबल साइट्स बनाने तथा वहां मलबे को डंप करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने को भी कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नदियों के जलस्तर पर रात्रि में भी रखी जाए नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगले कुछ दिनों में नदियों के जलस्तर पर गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रात्रि के समय भी पहाड़ी तथा मैदानी इलाकों में नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जाए। लोगों को सचेत किया जाए और कोई भी खतरा महसूस होने पर तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार के लिए रेड अलर्ट
दिनांक 01.09.2025 को राज्य के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, तथा हरिद्वार जनपदों में कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा होने के साथ कुछ स्थानों में भारी से बहुत भारी वर्षा/गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने/वर्षा के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना का रेड अलर्ट है। साथ ही राज्य के शेष जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा / गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने /वर्षा के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं दिनांक 02.09.2025 को राज्य के देहरादून, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली एवं बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा/गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने/ वर्षा के अति तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर होने की संभावना का ऑरेंज अलर्ट है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देहरादून के तापमान में गिरावट
हर दिन जोरदार बारिश के चलते देहरादून के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। आज सोमवार एक सितंबर की सुबह करीब आठ बजे देहरादून का तापमान अधिकतम सीमा 23 डिग्री सेल्सियस के करीब था। इसके न्यूनतम 21 डिग्री रहने की संभावना है। दो सितंबर को अधिकतम और न्यूनतम तापमान 23-23 डिग्री रह सकता है। तीन से लेकर आठ सितंबर तक देहरादून का अधिकतम तापमान क्रमशः 26, 27, 29, 28, 29, 28 डिग्री रहने का पूर्वानुमान है। इस दौरान न्यूनतम तापमान 22, 24, 23, 23, 23, 22 डिग्री रहने की संभावना है। आठ सितंबर तक देहरादून में हर दिन बारिश की संभावना है।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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