उपचार के बाद स्वस्थ हो गया, उत्तराखंड से चला गया लखनऊ, एक माह बाद आइ डेल्टा प्लस वेरिएंट की रिपोर्ट
अब देखिए स्वास्थ्य महकमा किस रफ्तार से काम करता है। उत्तराखंड में पहला डेल्टा प्लस बेरिएंट का मामला आया, लेकिन स्वास्थ्य महकमे को एक माह बाद पता चला।
अब देखिए स्वास्थ्य महकमा किस रफ्तार से काम करता है। उत्तराखंड में पहला डेल्टा प्लस बेरिएंट का मामला आया, लेकिन स्वास्थ्य महकमे को एक माह बाद पता चला। यही, नहीं तब तक लखनऊ से आया यह मरीज स्वस्थ होकर अपने घर वापस चला गया। ये तो गनीमत रही कि उत्तराखंड पहुंचने पर उसका कोरोना टेस्ट हो गया था और उसे आइसोलेट कर दिया गया था। अन्यथा उत्तराखंड में भी इस वेरिएंट के केस अपनी तेजी से दस्तक दे देते।फिलहाल उत्तराखंड में पहले तक डेल्टा प्लस वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला था। कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट ने ही तबाही मचाई थी। अब कोरोना वायरस का खतरनाक स्ट्रेन डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला आने से स्वास्थ्य विभाग भी हड़कंप मचा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टेस्टिंग और व्यवस्थाएं इतनी धीमी हैं कि एक माह बाद ही इस वेरिएंट का पता चल पाया। मामला उधमसिंह नगर जिले का है।
लखनऊ स्थित बलरामपुर सरकारी अस्पताल के कैंपस निवासी एक युवक रुद्रपुर के दिनेशपुर वार्ड नंबर तीन स्थित अपने चाचा के घर में घूमने आया था। उसने 21 मई को गदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरोना की जांच के लिए सैंपल दिए थे। उस दौरान वह जांच मे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद उसे होम आइसोलेट कर दिया गया था। इस बीच जून में उसका आरटीपीसीआर सैंपल लेकर जांच के लिए दिल्ली भेजा गया था। कुछ दिन रहने के बाद युवक घर वापस चला गया। मंगलवार की देर शाम को उसकी जांच रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय में आई। जिसमें वह डेल्टा वेरिएंट प्लस पाया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार दोपहर रुद्रपुर से आई टीम के साथ युवक के चाचा के घर जाकर जानकारी ली तो पता चला कि वह बहुत दिन पहले ही लखनऊ चला गया है। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों उसके चाचा के परिवार के सभी लोगों के साथ आसपास के लोगों के सैंपल लिए। साथ ही उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया। सीएमओ डाक्टर देवेन्द्र सिंह पंचपाल ने बताया कि जिस मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है, वह लखनऊ का रहने वाला है और वापस घर चला गया है।





