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June 27, 2025

कांग्रेस से बागी का भाजपा में विरोध, रायपुर विधानसभा में अपने ही विधायक के खिलाफ नारे लगा रहे हैं कार्यकर्ता

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले कई विधायकों की त्रिशंकू की तरह बीच की स्थिति हो गई है। ना ही उन्हें कांग्रेस में वापसी का रास्ता दिख रहा है और ना ही भाजपा के कार्यकर्ता उन्हें अपनाने को तैयार हैं।

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले कई विधायकों की त्रिशंकू की तरह बीच की स्थिति हो गई है। ना ही उन्हें कांग्रेस में वापसी का रास्ता दिख रहा है और ना ही भाजपा के कार्यकर्ता उन्हें अपनाने को तैयार हैं। ऐसे विधायकों को पार्टी संगठन में भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। साथ ही ऐसे विधायकों को पार्टी के भीतर जमकर विरोध हो रहा है। देहरादून की रायपुर विधानसभा के विधायक उमेश शर्मा काऊ के खिलाफ तो जब भी मौका मिल रहा है, कार्यकर्ता नारे भी लगा रहे हैं। वहीं, पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी ऐसे विधायकों पर कड़ा तंज कसा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मार्च 2016 में कांग्रेस के तत्कालीन सीएम हरीश रावत के खिलाफ पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत आदि के नेतृत्व में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने बगावत कर दी थी। करीब विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे। सरकार गिराने के लिए कानूनी दावपेच में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कराए गए फ्लोर टेस्ट की परीक्षा को पास करने में हरीश रावत सफल हो गए थे।
बागी विधायकों में ज्यादातर को भाजपा संगठन के कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं। गाहे बगाहे वे ऐसे विधायकों के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आते हैं। कोरोनाकाल के दौरान रायपुर क्षेत्र में बनाए गए कोविड अस्पताल के औचित्य को लेकर भाजपा मंत्री गणेश जोशी और रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के बीच विवाद भी हो गया था। वहीं, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से इनमें अधिकांश का 36 का आंकड़ा रहा। तब उनका आरोप रहता था कि उनकी विधानसभा के कामों को स्वीकृति नहीं मिल रही है। ऐसे में इन विधायकों में से कई ने त्रिवेंद्र को सीएम की कुर्सी के हटाने के लिए पूरा जोर लगाया। इसमें वे सफल भी हुए। आज तक भाजपा ये स्पष्ट नहीं कर पाई कि त्रिवेंद्र को हटाने के पीछे क्या कारण रहे। वहीं, त्रिवेंद्र भी आज तक इसका कारण समझ नहीं पाए कि उन्हें आखिर किस गलती पर हटाया गया।
त्रिवेंद्र के हटते ही तीरथ सिंह रावत जब उत्तराखंड के सीएम बने को उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आए विधायकों के तालमेल बनाने की हर संभव कोशिश की। उस दौरान सीएम के अधिकांश कार्यक्रम रायपुर विधानसभा क्षेत्र में होने लगे। फिर पुष्कर सिंह धामी सीएम बने तो उन्होंने भी रायपुर को ही तवज्जो दी। उनके भी कार्यक्रम इस विधानसभा क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही हो रहे हैं। वहीं, संगठन इसे पचा नहीं पा रहा है।
भाजपा में भले ही बागियों को विधायक का टिकट दिया गया हो, लेकिन संगठन में ऐसे नेताओं को कोई तवज्जो नहीं दी गई है। उन्हें कभी कोई जिम्मेदारी नहीं दा जाती है। अब रायपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा में तनातनी बढ़ गई है। अपने ही विधायक का विरोध कर रहे वरिष्ठ कार्यकर्ता लगातार अपनी ताकत का अहसास कराने में जुटे हैं। हाल ही में डांडा लखौंड के रामलीला मैदान में मन की बात सुनने और पौधारोपण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकत्र्ता एकत्रित हुए, लेकिन रायपुर विधायक के कार्यक्रम में कोई कार्यकर्ता नहीं गया।
पूर्व भाजयुमो महानगर अध्यक्ष रंजीत भंडारी और मंडी समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा की ओर से रविवार को डांडा लखौंड में कार्यक्रम आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया गया। इसके बाद क्षेत्र में पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं ने रायपुर विधायक के विरोध में नारे भी लगाए। भाजपा देहरादून जिला अध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, पूर्व दर्जाधारी कलम सिंह रावत, राजकुमार पुरोहित, महानगर महिला मोर्चा अध्यक्ष कमली भट्ट, जितेंद्र रावत मोनी, मंडल अध्यक्ष सुभाष यादव, मनीष बिष्ट, अर्चना थपलियाल, गीता पुरोहित, वीर सिंह चौहान, इतवार रमोला, सुशीला रावत आदि ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
हरीश रावत ने किया बागियों पर कटाक्ष
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रांत प्रचारक महेंद्र सिंह नेगी ने रविवार को कांग्रेस का दामन थामा, तो इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले नेताओं को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समर्थन में जो जनसैलाब नजर आ रहा है, यह बागियों की करतूत के खिलाफ है।
रायपुर के थानो गांव में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में महेंद्र सिंह नेगी अपने 70 समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए। इससे गदगद हरीश रावत ने कहा कि बागी, दागी और भाजपा के रागी नेताओं को प्रदेश के मतदाता अब समझ चुके हैं। कहा कि यही बागी नेता कुछ समय गली मोहल्ले में कांग्रेस के विकास के बोर्ड लगाते थे, लेकिन पिछले साढ़े चार साल में डबल इंजन की सरकार ने कुछ नहीं किया।
यह बागी भाजपा में रहे तो सड़कें उखड़ गई हैं। पुल ध्वस्त हो रहे हैं। रास्ते क्षतिग्रस्त हैं। यह हाल न केवल रायपुर विधानसभा क्षेत्र का है, बल्कि पूरे प्रदेश की स्थिति लगभग एक जैसी है। हरीश रावत ने कहा कि पार्टी में शामिल होने वाले महेंद्र सिंह नेगी, राजकुमार जायसवाल और यूकेडी के पूर्व नेता शीशपाल सिंह बिष्ट को पार्टी की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। वर्ष 2022 में जनता के आशीर्वाद से कांग्रेस सत्ता में लौटने पर इन्हें सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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