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February 4, 2025

आरबीआइ ने नए साल में दिया झटका, छठी बार बढ़ाया रेपो रेट, लोन हो जाएंगे महंगे

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नए साल में करोड़ों देशवास‍ियों को एक बार फ‍िर से रेपो रेट बढ़ाकर झटका द‍िया है। केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी में बदलाव करते हुए ब्याज दरों में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी की है। आरबीआई गवर्नर शक्‍त‍िकांत दास ने रेपो रेट में हुए इस बदलाव की घोषणा आरबीआई की मौद्र‍िक समीक्षा नीत‍ि के बाद क‍ी है। रेपो रेट में 25 बेस‍िस प्‍वाइंट के इजाफे के बाद यह बढ़कर 6.50 प्रत‍िशत हो गया है। पहले रेपो रेट 6.25 प्रत‍िशत था। इससे पहले तीन द‍िन से चल रही मौद्र‍िक समीक्षा नीत‍ि की बैठक आज संपन्‍न हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीन साल में विभिन्न चुनौतियों का सामना क‍िया
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले करीब तीन साल में विभिन्न चुनौतियों के कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के लिए मौद्रिक नीति के स्तर पर चुनौती रही है। इससे पहले सात द‍िसंबर को आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में 35 बेस‍िस प्‍वाइंट का इजाफा क‍िया गया था। रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर बैंकों की तरफ से ग्राहकों को द‍िये जाने वाले लोन की ब्‍याज दर पर पड़ेगा। इससे ग्राहकों को पहले से ज्‍यादा ईएमआई देनी होगी। आरबीआई की तरफ से यह कदम बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के ल‍िए उठाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नौ माह में छह बार किया इजाफा
र‍िजर्व बैंक ने मई 2022 से लेकर अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा क‍िया है। इस दौरान कुल म‍िलाकर 2.50 प्रत‍िशत का इजाफा हुआ है। एमपीसी की सिफारिश के आधार पर पहली बार आरबीआई ने 4 मई को रेपो रेट में 0.4 प्रत‍िशत, 8 जून को 0.5 प्रत‍िशत, 5 अगस्त को 0.5 प्रतिशत, 30 सितंबर को 0.5 प्रत‍िशत और 7 द‍िसंबर को 0.35 प्रत‍िशत की बढ़ोतरी की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रेपो रेट बढ़ाने से पड़ेगा ये असर
रेपो रेट बढ़ने का असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI पर पड़ेगा. वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। रेपो रेट बढ़ने से कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगा। बैंकों से पैसा महंगा म‍िलेगा तो लोन की ब्‍याज दर में भी बढ़ोतरी होगी। बैंक इसका असर ग्राहकों पर डालेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर है जिस पर क‍िसी भी बैंक को आरबीआई (RBI) की तरफ से कर्ज दिया जाता है। बैंक इसी के आधार पर ग्राहकों को कर्ज देते हैं। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI उन्हें ब्याज देती है। आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने पर बैंकों के ऊपर बोझ बढ़ता है और इसकी भरपाई ब्‍याज दर बढ़ाकर बैंक ग्राहकों से करते हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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