राजीव गांधी की 78 वीं जयंतीः सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति का विरोध करने वाले आज सेल्फी खींचकर इतराते हैंः धस्माना
उन्होंने कहा कि जब राजीव जी ने इकीसवीं शताब्दी की बात की तो लोग उन पर हंसे। जब उन्होंने देश में सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति शुरू की, तब लोगों ने उनका विरोध किया। भविष्य ने राजीव गांधी के सपने को भी सच साबित किया। इतना ही नहीं जिन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति पर यह कह कर सवाल उठाए थे कि कम्प्यूटर आने से देश में बेरोजगारी छा जाएगी, आज वे नेता ही जेब में मोबाइल व हाथ में लैपटॉप ले कर चलते हैं और देश और दुनिया में जा कर सेल्फी खींच कर इतराते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि राजीव गांधी ने आज के नेताओं की तरह महिलाओं के सम्मान और पीड़ा की थोथी बातें नहीं की। देश में महिलाओं को पंचायतों व स्थानीय निकायों में आरक्षण की व्यवस्था संविधान संशोधन कर उन्होंने आज तक का सबसे क्रांतिकारी संशोधन किया। धस्माना ने कहा कि युवाओं को 21 की जगह 18 वर्ष में मतदान का अधिकार भी राजीव गांधी की क्रांतिकारी सोच का नतीजा है। देश बड़ी बड़ी डींगें हांकने से नफरत फैलाने से समाज को धर्म जाती व भाषा बोली पहनावे के नाम पर बांटने से नहीं चलता। देश बड़ी सोच से चलता है और राजीव गांधी बड़ी सोच के नेता थे जो असमय चले गए। जिसका देश की जनता को हमेशा मलाल रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर बोलते हुए महिला नेता सुशीला बेलवाल शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के लिए देशभर की महिलाओं के दिल में हमेशा सम्मान रहेगा। क्योंकि उन्होंने महिलाओं को राजकाज में भागीदार बनाया। युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुमित खन्ना ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत का जो डंका सूचना प्रौद्योगिकी व विशेष रूप से सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में बजता है, उसका असली श्रेय राजीव गांधी जी को जाता है। प्रेमनगर छावनी परिषद के निवर्तमान पार्षद जितेंद्र तनेजा ने कहा कि संविधान के 73 वें व 74 वें संशोधनों को पारित करवा कर राजीव जी ने स्थानीय निकाय व पंचायत राज में जिस क्रांति का सूत्रपात किया वो ऐतिहासिक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अवधेश कथिरिया, देवेंद्र अरोड़ा, इज़हार, संजय भारती, शुभम सैनी, शराफत, सरदार जसविंदर सिंह मोठी, ज्योति चौधरी, संगीता शाशन, रविंदर सिंह ने भी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के बारे में विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन अनुज शर्मा ने किया।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।