खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला, नया नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, खेल बजट में कटौती भी बंद कर दो सरकार
खेलों के लिए बजट में कटौती को बंद करने और खिलाड़ियों को सुविधाएं भले ही दी जाएं या नहीं, लेकिन केंद्र सरकार ने खेल पुरस्कार का नाम जरूर बदल दिया। ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को कांस्य पदक मिलने और महिला हॉकी टीम के कांस्य पदक चूकने के बाद पीएम मोदी ने ट्विट कर खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने की घोषणा की।
ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार परफॉर्मेंस के बाद अब भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बड़ा फैसला किया है। पीएम ने खेलरत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के नाम से जाने जानी की घोषणा कर दी है। पीएम ने ट्वीट करते हुए भी इसकी जानकारी सभी के साथ साझा भी की है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे, जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव लाया। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। बता दें कि पहले खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाता था।
ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नेताओं के ट्विट कर बधाी देने की होड़ मची है। वहीं, पीएम मोदी ने तो हॉकी टीम के कप्तान सहित अन्य खेलों में पदक जीतने वालों से फोन पर वार्ता भी की। खिलाड़ियों के उत्साहवर्द्धन के लिए ये अच्छा है, लेकिन खेलों को बढ़ावा देने के लिए बजट में कटौती तो बंद करो। ऐसा अब खेल प्रेमियों की ओर से कहा जा रहा है। जब भी कोई प्रतियोगिता होती है तो बड़ी बड़ी घोषणाएं होती हैं। फिर सबकुछ भुला दिया जाता है। खेल रत्न का नाम खिलाड़ी के नाम से करना अच्छी बात है, लेकिन सरकार को खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी आगे आना चाहिए। अभी स्थिति तो सिर्फ भाषणों में ही दिखती है। क्योंकि खेल बजट तो यही बताता है।
ये है खेल बजट की स्थिति
संसद में पेश किये गये आम बजट में केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए खेलों के बजट में कटौती की है। इस बजट में खेल के लिए कुल 2,596.14 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। जो पिछले साल के बजट से 230.78 करोड़ रुपए कम है। हालांकि खेल प्राधिकरण (साई) को 660.41 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है जो पिछले साल 500 करोड़ रुपए ही था। खेल मंत्रालय के प्रमुख आयोजन खेलो इंडिया के बजट में भी कटौती की गई है। इस बार 657.71 करोड़ रुपए का ही आवंटन किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में इस आयोजन के लिए 890.42 करोड़ रुपए देने की घोषणा हुई थी। खेल के लिए आवंटित कुल बजट की बात करें तो यह पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 795.99 करोड़ रुपए अधिक है। वर्ष 2020-21 में खेल के लिए पहले 2826.92 करोड़ रुपए देने की घोषणा हुई थी जिसे बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिया गया था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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