एसटीएफ एवं साइबर क्राइम पुलिस ने देहरादून में फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर में मारा छापा, बुजुर्गों से करते थे ठगी, पांच गिरफ्तार
बढ़ते साइबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में उत्तराखंड के देहरादून जनपद के बसन्त विहार थाना क्षेत्रान्तर्गत चल रहे फर्जी अन्तर्राष्ट्रीय काल सेन्टर का खुलासा किया। इस दौरान पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रभारी एसटीएफ ने बताया कि इनपुट मिला कि देहरादून में एक ऐसा कॉल सेन्टर संचालित हो रहा है जो विदेश में रहने वाले सिनियर सिटिजन, विकंलागं व सेना से रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों का फर्जी तरीके से Social Security Number (SSN) नम्बर (जैसा कि भारत में आधार कार्ड नम्बर है) हैकरों से प्राप्त कर रहा है। उनका व्यक्तिगत विवरण (उनका पता, मोबाईल नम्बर, बैंक विवरण, व्यवसाय आदि) प्राप्त कर उन नम्बरों पर Voice Over Internet Protocol (VOIP) कॉल (उनके देश का नम्बर कॉल पर प्रर्दशित कर) करके पुलिस अधिकारी व लॉ इन्फोरसमेन्ट एजेन्सी का अधिकारी बन कर उन्हे अलग-अलग प्रकार से डरा रहे हैं। साथ ही उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं।
इस तरह डराते थे लोगों को
इन इस काल सेंटर से फोन करके काल रिसीव करने वालो को डराया जाता था कि आप जो काम करते है वो गैर कानूनी है। या उनके बैंक एकाउन्ट का किसी ऐसे एकाउन्ट से सम्बन्ध है जो कि अवैघ कार्य (वैश्यावर्ती/अनाधिकृत लेनदेन/जुऐं का पैसा) से सम्बन्धित है। आपके S.S.N. नम्बर से एक पता और जुड़ा है जहाँ अवैध हथियार या नशा तस्करी का समान बरामद हुआ है। आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी है। आप और आपका परिवार जेल जा सकता है और उसमें आपके सभी बैंक खाते सीज हो जाऐगें और सारा पैसा जब्त हो जायेगा। फिर उनसे पैसों की मांग की जाती थी।
ऐसे भी कर रहे थे ठगी
इसके अतिरिक्त कोरोना काल में उनकी बीमा पालिसी पर स्कीम व बोनस का लालच देकर उनको कुछ गिफ्ट कार्ड प्रदान कर उनमें कुछ धनराशि के निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करके या उन लोगों को विश्वास में लेकर उनके गिफ्ट कार्ड की जानकारी हासिल कर सारी धनराशी अपने खातों में ट्रासॅफर करा लेते है। इस तरह डॉलर में रकम प्राप्त करके भारत में करोड़ो रपपये प्रतिमाह कमाते है।
भारत की छवि कर रहे थे धूमिल
एसटीएफ के मुताबिक शिकायतकर्ता विदेश में होते हैं। वो शिकायत अपने देश में कराते है जो कि भारत की लॉ इनफोर्समेन्ट एजेन्सियों तक नही आ पाती है। जिससे इनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही नही हो पा रही थी। इस प्रकार कॉल सेन्टर भारत में केवल रात्रि को ही संचालित होते है, क्योंकि अमेरिका एवं अन्य यूरापियों देशों में उस समय दिन होता है। इस तरह के कृत्य से भारत देशों के लोगों की छवि भी धूमिल हो रही थी ।
शिकायत के आधार पर गठित की गई टीम
उपरोक्त सूचना के आधार पर प्रभारी एसटीएफ ने एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार एवं पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में निरीक्षक पकंज पोखरियाल, उप निरीक्षक उमेश कुमार एवं DOT(Department Of Telecommunication) एवं साईबर पुलिस थाना देहरादून तथा थाना बसन्तबिहार की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया।
गत रात बसंत विहार क्षेत्र में मारा छापा
संयुक्त टीम ने 14 जनवरी की रात्रि में बसन्त विहार थाना क्षेत्रान्तर्गत क्वीन्स टावर स्थित फर्जी अन्तराष्ट्रीय कॉल सेन्टर पर दबिश दी। ये एक बहुमंजिला ईमारत में संचालित हो रहा था। इसमें मौके पर मौजूद कार्यरत कर्मचारियों से पूछताछ की गयी तो उनकी ओर से सन्तोषजनक जवाब नहीं दिया गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया गया कि वे पहले दिल्ली में कार्य करते थे। बाद में उनके सीनियर जो कि दिल्ली व नोएडा में रहते हैं। उनकी ओर से प्रदान किये गये डेटाबेस के आधार पर वे इस कॉल सेन्टर से संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासरत सीनियर सिटीजन एवं विकलांग व्यक्तियों को फोन करके उनके साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी कर उनकी धनराशि अपने सीनियरों के खातों में ट्रान्सफर करवाते हैं।
दिया जाता है निर्धारित लक्ष्य
पकड़े गये आयुष्मान मल्होत्रा व अन्य से पूछताछ पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि उनके मुख्य सहयोगी उनको जो डेटाबेस उपलब्ध कराते हैं, उस पर उनको एक निर्धारित लक्ष्य दिया जाता है। जो उन्हें पूरा करना होता है। तब उन्हें एक निर्धारित वेतन व कमीशन दिया जाता है। मुख्य सहयोगियों से वो लोग व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से जुडे हैं। इसके माध्यम से उनको डेटाबेस, स्क्रीप्ट व आडियो मिलते हैं कि उनको किस प्रकार से लोगों से वार्तालाप करनी है।
करोड़ों की ठगी आई सामने
अभियुक्तगणों से पूछताछ में कई करोड़ रुपयों की धनराशि का अवैध लेनदेन की बात भी प्रकाश में आई हैं। इससे निकट भविष्य में दिल्ली में निवासरत घटना के अन्य मास्टरमाइंड द्वारा संचालित किये जा रहे पूरे गिरोह का भी भंडाफोड़ हो सकता है। उपरोक्त घटना के सम्बन्ध में थाना वसन्त विहार पर विभिन्न धाराओं में मुकद्दमा पंजीकृत किया गया है। कार्यवाही के दौरान पाया गया कि कॉल सेन्टर की विभिन्न दीवारों पर लगी तीन दीवार घड़ियों पर अलग-अलग समय प्रदर्शित हो रहा था। इससे स्पष्ट था कि घड़ियों में जो समय प्रदर्शित हो रहा था वह अलग-अलग देशों का टाईम जोन देखने के लिए प्रयोग की जा रही थी। वर्तमान में अभियुक्तगण प्रगतिविहार अपार्टमेन्ट बसन्त बिहार में किराये के फ्लैट में निवासरत थे।
अपराध का तरीका
अभियुक्त गणों द्वारा उपलब्ध डेटाबेस के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासरत विषेशकर सीनियर सिटीजन तथा विकलांग व्यक्तियों के Social Security Number(SSN) नम्बर की जानकारी हैकरों से लेकर उनको से फोन से यूएस इंग्लिश में वार्तालाप करके विश्वास में लेकर या डराकर या कोरोना काल में उनकी बीमा पालिसी पर स्कीम व बोनस का फर्जी लालच देकर उनसे धोखाधड़ी करना।
गिरफ्तार अभियुक्त
– दानिश अत्री पुत्र चन्दू अत्री उम्र 25 वर्ष, निवासी विष्णु गार्डन नई दिल्ली।
-संदीप गुप्ता पुत्र रामनैन गुप्ता उम्र 22 वर्ष निवासी मंगोलपुरी नई दिल्ली
-अर्चित विलफ्रिड पुत्र सुरक्षित रोनेन उम्र 26 वर्ष निवासी शनि मन्दिर कैनाल रोड देहरादून
-नारायण अधिकारी पुत्र जग पाराशर अधिकारी उम्र 21 वर्ष निवासी सैक्टर 07 रोहिणी नई दिल्ली
-आयुष्मान मल्होत्रा पुत्र अजय मल्होत्रा उम्र 27 वर्ष निवासी शाहदरा नई दिल्ली
बरामदगी
-21 कम्पयूटर मय सीपीयू
–08 मोबाईल फोन
–01 आई पैड
-01 Wi-Fi
– 4,34,000 रुपये। (चार लाख चैतीस हजार) नकद।
-01 Fortuner Car
–03 अदद घड़ी (इन्टरनेशनल टाईम जोने देखने के लिए)
डीजीपी ने की बीस हजार रुपये के इनाम की घोषणा
इस मामले का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने 20 हजार का ईनाम देने की घोषणा की है। साथ ही DOT (Department Of Telecommunication) की टीम की प्रंशसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किये जाने की भी घोषणा की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।