गुटखा किंग और उससे जुड़े सप्लायर के ठिकानों में छापेमारी, एक के घर में मिले 150 करोड़, नोट गिनते थकने लगी टीम
छापेमारी की तस्वीरों में दो बड़ी अलमारियां नोटों के बंडल से खचा-खच भरी नजर आ रही हैं। नोटो के बंडल को प्लास्टिक के कवर में लपेटकर उसपर पीला टेप लगाया गया है।
एक अन्य तस्वीर में आयकर विभाग और जीएसटी अधिकारियों को एक कमरे में चादर पर बैठे हुए देखा जा सकता है। उनके चारों को नकदी का ढेर लगा है और उनकी गिनती के लिए तीन मशीनें लगी हैं। यह सप्लायर गुटखा कारोबारी को इत्र और कच्चा माल सप्लाई करता है। नोटों की गिनती के लिए स्टेट बैंक के अधिकारियों को बुलाया गया। नोट गिनने वाले भी थक रहे हैं।
जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, बिना ई-वे बिल बनाये फर्जी इनवॉइस के जरिये सामान भेजा जा रहा था. फर्जीफर्मों के नाम पर ये फर्जीइनवॉइस बनाये गए थे। उन कंपनियों के नाम पर चालान बनाए गए, जो मौजूद ही नहीं है। फर्जी कंपनियों के नाम से तैयार किए गए सभी चालान 50,000 रुपये से कम के हैं, ताकि ई-वे बिल से बचा जा सके। अधिकारियों ने फैक्टरी के बाहर से 4 ऐसे ट्रक सीज भी किए हैं।
कारोबारी के गोदाम से बिना जीएसटी चुकाए ऐसे 200 फर्जीइनवॉइस मिले हैं। फैक्टरी की जांच करने पर कच्चे माल की कमी पायी गयी। सूत्रों ने कहा कि यह छापेमारी गुरुवार को शुरू हुई और शुक्रवार को भी जारी है। यह रेड कानपुर के साथ-साथ मुंबई और गुजरात के ठिकानों पर भी चल रही है। पहले यह रेड कर चोरी के मामले में जीएसटी अधिकारियों ने शुरू की थी, लेकिन मामले में कई परतें खुलने के बाद इसमें आयकर विभाग को भी शामिल किया गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कारोबारी से जुड़े सप्लायरों में से एक सप्लायर के घर से बड़ी मात्रा में करीब 150 करोड़ रुपये की नकदी मिली है। नोट गिनते हुए जब टीम थकने लगी तो भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों की मदद से नोटों की गिनती के लिए बुलाया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।