त्वरित टिप्पणीः 26 प्रभावशाली दलों का इंडिया कर देगा एनडीए का सफाया-सूर्यकांत धस्माना
बेंगलुरू में हुई 26 राजनैतिक दलों की बैठक और उसमें बने नए राजनैतिक गठबंधन इंडिया व गठबंधन द्वारा पारीत पहला सामूहिक संकल्प देश के इतिहास की एक बहुत सकारात्मक व ऐतिहासिक घटना है। साथ ही विश्वास है कि आने वाले 2023 के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों व 2024 के लोकसभा चुनावों में यह नया गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायन्स (इंडिया) वर्तमान सत्ताधारी गठबंधन एनडीए को चारों खाने चित्त करते हुए हराएगी। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह गठबंधन किसी एक व्यक्ति के नहीं, बल्कि फासिस्टवादी विचारधारा के खिलाफ बना है। प्रधानमंत्री मोदी तो केवल उसके प्रतीक मात्र हैं। असली लड़ाई तो उस विचारधारा से है, जो बलिदानों संघर्षों व तपस्या से हमारे पुरखों की ओर से अर्जित संविधान लोकतंत्र व गणतंत्र को ही समाप्त करने की साजिश कर रहे हैं। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज बेंगलुरू में नए गठबंधन इंडिया के द्वारा जारी पहले सामूहिक संकल्प पत्र में यह साफ झलक रहा है। इंडिया का N.D.I.A. से संबंधित 26 राजनीतिक दलों का सामूहिक संकल्प आज प्रस के लिए जारी किया गया। इसमें कहा गया कि हम भारत के 26 प्रगतिशील दलों के हस्ताक्षरित नेता, संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं। हमारे गणतंत्र के चरित्र पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमला किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही ये भी कहा गया कि हम मणिपुर को तबाह करने वाली मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री की खामोशी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है। मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है। हम संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर जारी हमले का मुकाबला करने और उनका सामना करने के लिए दृढ़ हैं। हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
गैर-भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों और उपराज्यपालों की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से अधिक रही है। भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एजेंसियों का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। गैर-भाजपा शासित राज्यों की वैध जरूरतों, आवश्यकताओं और अधिकारों को केंद्र द्वारा सक्रिय रूप से अस्वीकार किया जा रहा है। हम आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
विमुद्रीकरण अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों में अनकही दुर्दशा लेकर आया, जिसके परिणामस्वरूप हमारे युवाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आई। हम पसंदीदा मित्रों को देश की संपत्ति की लापरवाही से बिक्री का विरोध करते हैं। हमें एक मजबूत और रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रतिस्पर्धी और फलते-फूलते निजी क्षेत्र के साथ एक निष्पक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए, जिसमें उद्यम की भावना को बढ़ावा दिया जाए और विस्तार करने का हर अवसर दिया जाए। किसान और खेत मजदूर के कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं; महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं। पहले कदम के रूप में जाति जनगणना को लागू करें। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
हम अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाने, प्रताड़ित करने और दबाने के लिए भाजपा की प्रणालीगत साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं। नफरत के उनके जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ द्वेषपूर्ण हिंसा को जन्म दिया है। ये हमले न केवल संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि उन बुनियादी मूल्यों को भी नष्ट कर रहे हैं, जिन पर भारत गणराज्य की स्थापना हुई है- स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व और न्याय-राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक। भारतीय इतिहास का पुनर्निमाण और पुनर्लेखन करके सार्वजनिक विमर्श को दूषित करने के भाजपा के बार-बार प्रयास सामाजिक सद्भाव का अपमान हैं। (जारी, अगले पैरे में देखिए)
हम राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लेते हैं। हम शासन के सार और शैली दोनों को बदलने का वादा करते हैं जो अधिक परामर्शात्मक, लोकतांत्रिक और सहभागी होगा।
लेखक का परिचय
सूर्यकांत धस्माना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।