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August 6, 2025

लोकसेवा आयोग की कनिष्ठ सहायक की परीक्षा पर उठे सवाल, आयोग ने कहा-भ्रामक प्रचार

उत्तराखंड में रविवार को लोकसेवा आयोग की ओर से कनिष्ठ सहायक परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा के संपन्न होने पर जहां प्रदेश सरकार अपनी पीठ थपथपाने में जुट गई, वहीं इस परीक्षा को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। सबसे अहम सवाल ये उठा कि परीक्षा में प्रश्नपत्रों के चार सेट थे, लेकिन सभी में प्रश्नों का क्रमांक एक सिरे से एक समान था। ऐसे में नकलविहीन परीक्षा कराने के दावों को कैसे स्वीकार किया जा सकता है। वहीं आयोग ने इसे भ्रामक प्रचार करार दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बताया गया है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पेपर के चारों सेट में प्रश्नों के क्रमांक एक समान था। इसे लेकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भी सवाल उठए हैं। संघ का आरोप है कि विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है। ताकि उन्हें क्रमांक के आधार पर उत्तर रटाए जा सकें। वहीं, आयोग का कहना है कि क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा। कहीं भी अनियमितता या नकल का मामला सामने नहीं आया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रविवार को परीक्षा संपन्न होने के बाद बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि इतिहास में पहली बार एक परीक्षा के अलग-अलग पेपर सेट में सवाल नंबर एक से 100 तक समान क्रम में आए हैं। प्रश्नों के उत्तरों की शृंखला भी समान थी। उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई जगह पर प्रश्न पत्रों की सील टूटी होने के भी साक्ष्य मिले हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि एक अभ्यर्थी ने उन्हें बताया कि उसके आगे वाली सीट पर बैठे अभ्यर्थी की ऑप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) की छायाप्रति नहीं थी। कई अभ्यर्थियों के प्रश्न पुस्तिका क्रमांक तथा उत्तर पुस्तिका क्रमांक अलग-अलग थे, जो कि हमेशा समान होते हैं। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष, सचिव से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की। इस दौरान नितिन दत्त, रमेश चौहान, सुशील कैंतुरा, हिमांशु, सचिन खन्ना, ऋतु परी, मीनाक्षी चौहान, संदीप कंडारी, अमन चौहान, अनिल, नवीन, आयुष राणा, संदीप चौहान आदि मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रश्नपत्र सीरीज को लेकर फैलाई जा रही सूचनाएं भ्रामक
उधर, आयोग के सचिव जीएस रावत से जब मीडिया के लोगों ने संपर्क किया तो उनका कहना है कि कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा दो घंटे की थी, जिसमें 100 सवाल पूछे गए थे। उन्होंने कहा कि प्रश्नों के क्रमांक की जानकारी परीक्षा सकुशल संपन्न होने के बाद मिली। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रश्नपत्रों की सभी सीरीज में प्रश्नों का क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। परीक्षा के दौरान किसी भी केंद्र पर अनियमितता या नकल संबंधी शिकायत सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र की सीरीज को आधार बनाकर प्रसारित की जा रही सूचनाएं गलत हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सामने आ चुका है भर्ती परीक्षा घोटाला
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 44 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता हाकम सिंह भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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