बंद कमरे की बैठक में मास्क लगा लो मंत्रीजी, आनलाइन बैठक हो सकता है विकल्प, कोरोना का बढ़ रहा हमला

जिस गति से कोरोना बढ़ रहा है और उसे लेकर नेताओं और अधिकारियों की लोगों को जागरूक करने की अपील आ रही है, लगता है कि ये सिर्फ भाषण तक ही सीमित है। यदि ऐसा नहीं होता तो मंत्री भी बैठक में मास्क में नजर आते। साथ ही अधिकारी भी। ये हाल उत्तराखंड में है। जहां कोरोना लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। इसके मद्देनजर सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 50 फीसद कर दी गई है। साथ ही मुख्य सचिव ने आदेश में कहा कि बैठकों को आनलाइन करने का ही प्रयास हो। यदि आफलाइन जरूरी हो तो नियमों का पालन हो। इससे बावजूद उद्यान मंत्री की बैठक की जो विज्ञप्ति के साथ फोटो आई, उसमें वह बगैर मास्क के नजर आए।
विधानसभा स्थित सभाकक्ष में हुई बैठक
प्रदेश के उद्यान कृषि, एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित सभाकक्ष में कृषक एवं कृषक समूहों द्वारा निर्यात की जाने वाली जड़ी-बुटियों के दस्तावेजीकरण के लिए सिंगल डेस्क प्लेटफार्म विकसित किये जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई।
प्रदेश में उत्पादित होने वाली कुटकी, अतीश, सर्पगंधा, सतावर, बडी इलायची, अमेश, तेजपात इत्यादि औषाधीयां जिनकी प्रजातियां एवं उत्पादन दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है, के उत्पादन को बढ़ावा देने तथा किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मंत्री ने एचआरडीआई (हर्बल रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट इन्स्टिट्यूट), उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, उत्तराखंड सीड्स एण्ड आर्गेनिक सर्टीफिकेशन एजेन्सी, यूओसीबी(उत्तराखण्ड जैविक वस्तु बोर्ड), वन विभाग, कृषि विभाग आदि एजेन्सियों तथा विभागीय अधिकारियों के साथ व्यापक विचार विमर्श करते हुए विलुप्ती के कगार पर पहुचने वाली औषधीय प्रजातियों को व्यापक पैमाने पर उत्पादित करने और किसानों-कास्तकारों की आय बढाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये।
मंत्री ने उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड को नेशनल वाइल्ड लाईफ क्रिमिनल बोर्ड तथा राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड के समन्वय से ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये, जिससे किसानों को इन जडी बुटियों के उत्पादन और मार्केटिंग में की जाने वाली औपचारिकताएं कम-से-कम तथा सरलतम हो। जिससे जड़ी बुटियों के उत्पादन की विभिन्न औपचारिकताए कम समय में तथा आसानी से पूरी की जा सके।
इसके साथ ही एचआरडीआई तथा कृषि विभाग के समन्वय से इन औषाधियों के उत्पादन में किसानों के सामने आने वाली बाधाओं को कैसे दूर किया जा सके जिससे अधिक से अधिक किसान जडी बुटियों के उत्पादन से जुड सकें तथा बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से कैसे किसान को अधिक लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने इस पर व्यापक होमवर्क करने के निर्देश दिये। उन्होने हार्टिकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को किसानों की ओर से उत्पादित औषधियों की मार्केटिंग में सक्रिया सहायता करने के निर्देश दिये जिससे किसानो के उत्पादों की खरीद की सुनिश्चितता हो सके।
इसके अतिरिक्त बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि विलुप्त होने वाली औषधिय जडी बुटियों के उत्पादन को बहुबर्षिय फसलों की भाति मनरेगा से भी जोड़ा जाय। ताकि इन जडी बुटियों का व्यापक स्तर पर उत्पदान सुनिश्चित हो सके। जिससे एक ओर इन हर्बल औषधियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा तथा दूसरा इसका व्यापक पैमाने पर उत्पादन करते हुए किसानों की आय को भी बढाया जा सके।
इस अवसर पर निदेशक हर्बल रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट इन्स्टिटयूट चन्द्रशेखर सनवाल, सदस्य सचिव उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड आर एन झा, निदेशक उत्तराखण्ड सीड्स एण्ड आर्गेनिक एजेन्सी डा. परमाराम, महाप्रबन्धक उत्तराखंड जैविक वस्तु बोर्ड विनय कुमार, संयुक्त सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण महिमा, वन विभाग से रमेश चन्द्र सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
उत्तराखंड में कोरोना ने फिर बनाया रिकॉर्ड
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का एक दिन का फिर से रिकॉर्ड टूटा। मंगलवार 20 अप्रैल की शाम स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 24 घंटे के भीतर 3012 नए संक्रमित मिले। वहीं, 27 लोगों की मौत हुई। इससे पहले 17 अप्रैल को सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए थे। उस दिन 2757 नए संक्रमित मिले थे। साथ ही 37 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड के 106 स्थानों पर लॉकडाउन लगाया गया है।
मंगलवार को 734 लोग स्वस्थ हुए। वहीं, अब प्रदेश में 21014 कुल एक्टिव केस हैं। उत्तराखंड में कुल संक्रमितों की संख्या 129205 हो गई है। इनमें 103633 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 1919 लोगों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है। एक दिन में सर्वाधिक देहरादून में 999 संक्रमित मिले। हरिद्वार में 796, उधमसिंह नगर में 565, नैनीताल में 258, टिहरी जिले में 137 संक्रमित मिले।
106 स्थानों पर लॉकडाउन
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कंटेनमेंट जोन की संख्या 106 हो गई है। इन क्षेत्र में पूरी तरह से लॉकडाउन है। व्यापारिक, धार्मिक, सामाजिक गतिविधियां वहां पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। किसी को भी घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। घर के एक सदस्य को ही आवश्यक वस्तु के लिए मोबाइल वेन तक जाने की अनुमति है। इनमें देहरादून में 47, हरिद्वार में नौ, नैनीताल में 35, पौड़ी में तीन, उत्तरकाशी में पांच, उधमसिंह नगर में एक, चंपावत में पांच, चमोली में एक कंटेनमेंट जोन हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।