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November 10, 2024

कठपुतली का संदेश-हम भी हैं चंद घड़ी और तुम यहां चंद घड़ी, वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव के हों प्रयास, सुनिए जनगीत

कठपुतली की कहानी में एक सच्चाई जुड़ी होती है। कठपुतलियां हमेशा से समाज में ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक संदेश देने का काम करती आई हैं। कठपुतली देश की ज्वलंत समस्या को उजागर करती है। इस बार कठपुतली संदेश दे रही है कि तरक्की के लिए वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। जो इस प्रयास में लगे हैं, उन्हें अपने प्रयास निरंतर जारी रखना चाहिए। यदि इस युग में हमने अच्छा कर लिया तो देश अच्छा होगा। सब प्यार से रहेंगे। विवाद नहीं रहेगा, तभी अच्चा रहेगा। नहीं तो लोग आते रहेंगे, जाते रहेंगे। हम आपके लिए हर सप्ताह एक इसी तरह की कहानी लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब बोलेगी कठपुतली के इस अंक में कठपुतली युवा शक्ति का आह्वान करते हुए कहती है कि वर्तमान राजनैतिक स्थितियों में परिवर्तन, बदलाव के लिए प्रयास जारी रखने की आवश्यकता है। ज़िन्दा कौमें इन्तजार नहीं करती हैं। बदलाव में यक़ीन रखती हैं। हालात कितने ही विपरीत क्यों ना हों। युवा जोखिम ले सकता है। बदलाव अवश्य होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)


कठपुतली संदेश दे रही है कि खुद से लड़ना होगा, तभी व्यवहार में परिवर्तन होगा। लिखे हुए समझना, बोले हुए का अर्थ समझना आसान नहीं है। ऐसे में क्या हाथ पर हाथ रखकर बैठना होगा। फिर कठपुतली जनगीत से समझाने का प्रयास करती हैं। इसके बोल हैं-हम भी यहां चंद घड़ी, तुम भी यहां चंद घड़ी। लाख दुश्मनी हो सही, हाथ मिलाते रहिए। ऐसे भी क्या फासले कि गीत भी ना गा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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