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June 26, 2025

सरकार की आलोचना के साथ जनसेवा, इसमें क्या है बुराई, उमा की रसोई से गरीब को भोजन, निजी अस्पताल के काम अपने नाम

इन दिनों कोरोनाकाल में कुछ राजनीतिक दलों के लोग सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं कि जो सरकार की आलोचना के साथ ही जनसेवा भी कर रहे हैं।

इन दिनों कोरोनाकाल में कुछ राजनीतिक दलों के लोग सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं कि जो सरकार की आलोचना के साथ ही जनसेवा भी कर रहे हैं। आलोचना जरूरी है, ताकी सरकार को गलतियों में सुधार का मौका मिले। ऐसे समय में सिर्फ आलोचना करना और खुद कुछ नहीं करना वो भी गलत है। ऐसे बयानबाज नेता हर दिन अवसर तलाशते हैं और बयान जारी करते रहते हैं। हालांकि सिर्फ बयान जारी करने वाले ऐसे नेताओं को लोकसाक्ष्य में स्थान कम है। जो समाज के लिए कर रहा है, उसके कार्यों का उल्लेख भी होना चाहिए। वहीं, कुछ लोग निजी अस्पतालों और सरकारी कामों की फोटो खिंचवाकर अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। समाचार में इसका भी जिक्र किया जा रहा है।


जरूरतमंदों के लिए उमा की रसोई
यहां हम आम आदमी पार्टी की उत्तराखंड प्रवक्ता उमा सिसोदिया की बात कर रहे हैं। आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने गरीबों के लिए उमा की रसोई खोली हुई है। इसके माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को जो होम आइसोलेशन में हैं, उनके लिए निशुल्क दो वक्त का भोजन तैयार किया जा रहा है। यह सेवा देहरादून महानगर क्षेत्र के लिए है। उमा सिसोदिया क्षमतानुसार ऑन डिमांड कोरोना मरीजों को दो वक्त का पौष्टिक व सुपाच्य भोजन लंबे समय से उपलब्ध करा रहीं हैं। इसके लिये उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर 9045027121 भी जारी किया है।
सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही आप नेत्री उमा सिसोदिया ने पिछले वर्ष भी कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी आम आदमी की रसोई अभियान के तले जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन के साथ साथ कच्चा राशन वितरण, मॉस्क व सैनेटाईजर वितरण में भी महत्वपूर्ण सहभागिता निभाई थी। इस बार भी जरूरतमंद को उनकी टीम घर घर जाकर भोजन  उपलब्ध करा रही है।


इस दौरान उमा सिसोदिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से देश में अपने पैर पसार रही है और उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है। उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या व मृत्यु दर पिछली लहर के मुकाबले बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में जब अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों व पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। हजारों मरीज होम आइसोलेशन नें ही अपना ईलाज कर रहे हैं।
ऐसे कई मरीज हैं जो पैसों से लाचार और मजबूर हैं। ऐसे ही तमाम लोगों के अलावा जो लोग वाकई में पात्र हैं उन लोगों को उमा सिसोदिया और उनकी टीम द्वारा निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक ऐसे लोगों को भोजन की जरुरत होगी वो ऐसे ही लोगों तक भोजन पहुंचाने का कार्य करती रहेंगी।


निजी अस्पताल के काम अपने नाम
जहां लोग अपनी जेब खर्च से लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं, कुछ सरकार के खर्च से की गई सेवा को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। अब बात की जाए निजी अस्पतालों की। कोरोनाकाल में निजी अस्पतालों में शायद वो ही जाना चाहेगा, जिसकी जेब में मोटी रकम हो। गरीब को तो वहां जाने की हिम्मत नहीं है। अब देखिए देहरादून में हरिद्वार रोड स्थित कैलाश हॉस्पिटल में आइसीयू के 20 अतिरिक्त बेड बढ़ाए गए। इसका उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने मदन कौशिक ने किया। साथ ही इसकी फोटो मीडिया में जारी की। ये भी एक उपलब्धि है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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