एलिवेटेड रोड के सर्वे के बाद जनसुनवाई औचित्यहीन, बस्ती बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधिमंडल मेयर से मिला

देहरादून में बस्ती बचाओ आन्दोलन के प्रतिनिधिमंडल ने नगरनिगम मेयर सौरभ थपलियाल से भेंटकर एलिवेटेड रोड के नाम पर लोगों को बेदखल करने के विरोध में उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि एलिवेटेड रोड के सर्वे के बाद जनसुनवाई औचित्यहीन है। कोई भी परियोजना लागू करने से पहले जनसुनवाई होती। प्रभावित जनता की सहमति के बाद परियोजना लागू की जाती। वहीं, देहरादून में एलिवेटेड रोड के सन्दर्भ में प्रभावितों से जनसुनवाई करने के बजाय परियोजना के लिए मकानों पर ध्वस्तीकरण के लिए लाल निशान लगाए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोड के निर्माण का प्रस्ताव है। इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने भी सहमति दे दी है। ऐसे में इन नदियों के किनारे वर्षों से रह रहे लोगों के घरों पर नगर निगम, एमडीडीए और अन्य विभागों की ओर से निशान लगाए जा रहे हैं। एलिवेटेड रोड का विरोध विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठन कर रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी घर के ध्वस्त करने से पहले लोगों का पुनर्वास और मुआजवे का प्रावधान होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रतिनिधिमंडल ने पुर्नवास, मुआवजे की व्यवस्था करने के बजाय प्रशासन की ओर से सीधे जन सुनवाई तिथियां घोषित करने पर कड़ा ऐतराज किया है। उन्होंने मेयर को अवगत कराया कि केवल 868 गरीबों को हटाकर रिस्पना और बिंदाल नदी का प्लडजोन साफ नहीं किया जा सकता। इस जोन में सरकारी भवन, निजी संस्थान तथा रसूखदारों के कब्जे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने मेयर को अवगत कराया कि अधिकारी हाईकोर्ट में अनुचित तथ्य देकर गरीबों को टारगेट कर रहे हैं। साथ हि कहा कि सरकार की ओर से हाईकोर्ट में प्लडजोन खाली करने कि बात की जा रही है, लेकिन दूसरी ओर इस प्लडजोन में पर्यावरण विरोधी एलिवेटेड रोड योजना स्वीकृत की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
की गई ये मांग
-जब तक सभी अतिक्रमणों और बड़े लोगों के अतिक्रमण पर भी समान रूप कार्रवाई नहीं होती तो सभी के लिए पुनर्वास योजना स्वीकृत न हो।
-परियोजना को फिर से डिजाइन चरण में ले जाकर प्रभावितों की सहमति ली जाए।
-प्रभावित सभी परिवारों के लिए मुआवजा नीति सार्वजनिक किया जाना चाहिए। सभी पट्टाधारकों, कब्जाधारियों तथा रजिस्ट्री धारियों को समान रूप से मुआवजा दिया जाए एवं उनका पुर्नवास किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार को सबसे पहले प्रभावित समुदायों के साथ ईमानदारी से बातचीत शुरू कर समस्या का उचित समाधान निकालना चाहिए। मेयर ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में बस्ती बचाओ आन्दोलन के संयोजक अनन्त आकाश, सीआईटीयू के जिला महामंत्री लेखराज, भगवन्तं पयाल, रविंद्र नौडियाल, विप्लव अनन्त आदि मौजूद थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।