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November 7, 2024

पर्यावरणविद् स्व. सुंदरलाल बहुगुणा की जयंती पर आबकारी विभाग में होलोग्राम टेंडर का विरोध, पर्यावरण में घुलेगा जहर

उत्तराखंड के महान पर्यावरणविद् स्व. सुंदरलाल बहुगुणा की जयंती पर राज्य में आबकारी विभाग के होलोग्राम टेंडर का कड़ा विरोध किया गया। सामाजिक सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में प्रेस वार्ता कर बताया कि इस तरह से होलोग्राम उत्तराखंड के पर्यावरण में जहर घोलेगा। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग उत्तराखंड की ओर से प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) का 150 करोड़ होलोग्राम (लेबल्स) का टेंडर किया गया है। यह कार्य केंद्र सरकार की प्रतिबंधित सिंगल उपयोग प्लास्टिक (SUP) बैन की नीति, प्रधानमंत्री कार्यालय व नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल नई दिल्ली की ओर से जारी (SUP) के प्रतिबंध की गाइडलाइंस के बिलकुल विपरीत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग उत्तराखंड ने 20 नवंबर 23 को उत्तराखंड में शराब की बोतलों में लगने वाली होलोग्राम का टेंडर निकाला। इसमे उन्होंने पॉलिस्टर प्लास्टिक युक्त 36 माइक्रोन के होलोग्राम की मुख्य मांग रखी। वहीं, केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) कार्यालय की ओर से 30 जून 2022 को जारी गाइडलाइन के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) 100 माइक्रोन से कम पर संपूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने बताया कि इन बिंदुओं पर उन्होंने 13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री, आबकारी विभाग व उत्तराखंड पॉल्यूशन बोर्ड को पत्र लिखा। इसके बाद 23 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र प्रेषित किया। इस पत्र के जरिये उत्तराखंड में प्रतिबंधित Non–Biodegradable Plastic से होने वाले नुकसान के बारे मे अवगत कराया। साथ ही इस टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रत्यावेदन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उक्त पत्र में उठाए गए मुद्दों के साथ ही राज्य सरकार, भारत सरकार, पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की गाइडलाइंस को आबकारी विभाग ने दरकिनार करते हुए 18 दिसंबर 2023 को पांच वर्षो में 150 करोड़ Plastic लेबल के हजारों कुंतल प्लास्टिक का टेंडर खोल दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि ये वो खतरनाक प्लास्टिक है, जिसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिबंधित किया गया है। फिर भी राज्य सरकार ने शायद किसी अनैतिक लाभ के लिए इन सब नियम कानून और प्रधान मोदी नरेंद्र मोदी के आदेशों का भी उलंघन करते हुए उत्तराखंड के पर्यावरण के लिये यह प्लास्टिक-जहर का कार्य करने का निर्णय लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इस टेंडर के जारी होने के बाद उत्तराखंड में गंगा, यमुना जैसी तमाम नदियों, वन आदि में प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल का जहर घुलेगा। इससे उत्तराखंड के पर्यावरण को घनघोर अपूर्णीय क्षति होगी। साथ ही प्रदेश के वन्य जीव के लिए भी संकट खड़ा होने वाला है। 5 सालो में जब 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचाएगी, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय पर्यावरणविद पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा के राज्य में इस पर्यावरण पर उत्तराखंड सरकार की ओर से गंभीर चोट की जा रही है। यदि उत्तराखंड के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जाएगा और भारत सरकार की पर्यावरण नीति के खिलाफ भी राज्य सरकार काम करेगी तो हम उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। साथ ही न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अभिनव थापर ने कहा कि हमारी प्रदेश मुख्यमंत्री व सरकार से मांग है कि उत्तराखंड के पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति पहुंचाने वाले इन प्रतिबंधित प्लास्टिक (36 माइक्रोन के Ban SUP) के 150 करोड़ प्लाटिक के होलोग्रामों के लिए जारी टेंडर को तत्काल निरस्त किया जाए। साथ ही दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए। प्रेस वार्ता में देवेंद्र नौडियाल, डॉ नितेन्द्र डंगवाल भी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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