राष्ट्रपति का देहरादून में प्रोग्राम, कहीं सड़क खाली, कहीं सड़कों पर लगा जाम, जानिए इस खास जगह की रोचक जानकारी

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत देहरादून में हैं। एक दिन पहले वह गुरुवार 19 जून को देहरादून पहुंच गई थी। 21 जून तक विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद उन्हें वापस दिल्ली लौटना है। राष्ट्रपति की सुरक्षा के दृष्टिगत देहरादून की विभिन्न सड़कों पर बार बार यातायात बंद किया जा रहा है। वहीं, दूसरी सड़कों पर यातायात को डायवर्ट किया जा रहा है। ऐसे में देहरादून की कुछ सड़कों पर जाम लग रहा है। इससे लोगों की फजीहत भी हो रही है। हालांकि, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरों के दौरान ऐसी स्थिति हर बार होती है। ऐसे में लोगों को भी उन रास्तों से आवागमन से बचना चाहिए, जहां राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर यातायात प्रभावित होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह है भौगोलिक स्थिति
देहरादून में राष्ट्रपति आशिया राजपुर रोड पर स्थित है। इसके बगल में कुछ एरिया एनआईईपीवीडी का है, जो पहले राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) के नाम से जाना जाता था। एनआईवीएच के बाद फिर से राष्ट्रपति बॉडीगार्ड का एरिया आता है। यानि एक लकीर के तीन हिस्से करो तो पहले हिस्से में राष्ट्रपति आशिया है। इसमें करीब 26 कमरों की कोठी है। घोड़ों के लिए अस्तबल हैं। एक जीओसी रेंक के प्रेजिडेंट बॉडीगार्ड के रहने के लिए कोठी है। आम, लीची और अन्य फलों के पेड़ों की भरमार है। कुछ कर्मचारियों के लिए क्वाटर्स भी हैं। इस राष्ट्रपति आशियाना में फकरूदीन अली अहमद से लेकर अब तक देश के कई राष्ट्रपति समय समय पर जब देहरादून आए तो उन्होंने यहीं विश्राम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे हिस्से में एनआईवीएच और तीसरे में प्रेजिडेंट बॉर्डीगाड लाइन है। इस तीसरे हिस्से में हाथी खाना के खंडहर, गोशाला के खंडहर, घोड़ों के अस्तबल, कर्मचारियों के कमरे (जो अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं), एक तीन कमरे की कोठी (किचन, बाथरूम और टॉयलेट सहित। आम लीची के बगीचे, खेत, जंगल आदि हैं। ये सारे स्थान घंटाघर से राजपुर जाते हुए दाएं हाथ की तरफ पड़ते हैं। वहीं, वाएं हाथ पर बहुत बड़े एरिया में खेत और जंगल है। इसे पहले डेयरी फॉर्म के नाम से जाना जाता था। यहां गढ़ी कैंट क्षेत्र स्थित सैनिक फॉर्म में रखी जाने वाली गायों के लिए चारा उगाया जाता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले एनआईवीएच का एरिया भी राष्ट्रपति आशिया के अंतर्गत ही आता था। बाद में दृष्टिबाधित लोगों के लिए संस्थान या स्कूल बनाने के लिए बीच का हिस्सा एनसीबी को दे दिया गया। एनसीबी का मतलब नेशनल सेंटर फार द ब्लाइंड। इसके बाद ही इस संस्थान का नाम एनआईवीएच पड़ा। राष्ट्रपति आशियाना के एरिया में एक शिव मंदिर और गुरुद्वारा भी है। मस्जिद एनआईवीएच के एरिया में आ गई। ऐसे में ये साफ है कि इस इलाके में सर्वधर्म का सम्मान रखा गया और उनके पूजा, प्रार्थना, नमाज स्थल भी यहां हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सड़कों पर इसलिए लग रहा जाम
राष्ट्रपति आशिया का एक गेट राजपुर रोड पर है, तो दूसरा जाखन कैनाल रोड पर है। राष्ट्रपति के कार्यक्रम के चलते घंटाघर से राजपुर जाते हुए आरटीओ कार्यालय से पहले कैनाल रोड तिराहे पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है। इसके चलते राजपुर की तरफ आने और आने वाले वाहनों को राजपुर रोड पर कमल चौक के पास रोक दिया गया है। या फिर समय समय पर रोका जा रहा है। सारा यातायात कैनाल रोड पर डायवर्ट कर दिया गया है। ऐसे में दो सड़कों का यातायात एक सड़क पर आने से सड़क पर घंटों जाम लग रहा है।
देहरादून में इन इलाकों में धारा 163
राष्ट्रपति के देहरादून के भ्रमण कार्यक्रम के तहत 19 से 21 जून तक राष्ट्रपति के निवास स्थान पूर्व नाम राष्ट्रपति आशिया के आसपास ध्वनि की तीव्रता को नियंत्रित करते हुए ध्वनि प्रतिसिद्व क्षेत्र घोषित करते हुए ध्वनि की तीव्रता को 40 डेसिबल तक निर्धारित किया गया है। इसके तहत राजपुर रोड पर मसूरी डायवर्जन से राष्ट्रपति निकेतन होते हुए ब्रहमकमल चौक और ब्रहमकमल चौक से कैनाल रोड़ पर एनआईईपीवीडी के अरूण द्वार, बालासुन्दरी मंदिर होते हुए नैनीताल बैंक की कैनाल रोड़ शाखा तक सड़क के दोनों ओर 100 मीटर की दूरी तक और उक्त दोनों क्षेत्रों के मध्य के समस्त क्षेत्रों में धारा 163 लागू की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धारा 144 के नाम में किया गया परिवर्तन
यह आदेश 19 जून 2025 की सायं चार बजे से 21 जून 2025 की दोपहर एक अथवा राष्ट्रपति के प्रस्थान के उपरांत एक घंटे तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता की धारा-223 के अधीन दंडनीय होगा। भारत में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (धारा 163) को एक जुलाई 2023 में लागू किया गया था। दरअसल, पहले इसे भारतीय दंड संहिता (Criminal Procedure Code) 144 के नाम से जाना जाता था। धारा 163 के तहत देश या किसी भी राज्य में आपातकालीन स्थिति व किसी बड़ी परेशानी पर नियंत्रण किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धारा 163 की कार्रवाई
अगर देश या किसी भी राज्य में अब धारा 163 लागू की जाती है तो सार्वजनिक स्थान पर इट्ठा होने पर रोक लग जाती है। ऐसे स्थिति में विरोध प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी जाती है। अगर कोई ऐसे में प्रदर्शन करता है तो प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राष्ट्रपति के देहरादून में कार्यक्रम
20 जून को राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति निकेतन को आम जनता के लिए खोलने के समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर वह विजिटर फैसिलिटेशन सेंटर, कैफेटेरिया और सोविनियर शॉप जैसी जनसुविधाओं का उद्घाटन कर रही हैं। इसके अलावा वह राजपुर रोड स्थित राष्ट्रपति तपोवन का उद्घाटन व राष्ट्रपति उद्यान का शिलान्यास भी कर रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
24 जून से आम लोगों के लिए खुलेगा ये स्थान
राष्ट्रपति निकेतन और राष्ट्रपति तपोवन को आम जनता के लिए 24 जून से खोल दिया जाएगा। आज के ही दिन राष्ट्रपति नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद विजुअल डिसएबिलिटीज (एनआईईपीवीडी) का भी दौरा करने भी जा रही हैं। जहां वह एक प्रदर्शनी और मॉडल स्कूल साइंस लैब का अवलोकन करेंगी एवं छात्रों से संवाद करेंगी। शाम को राजभवन, नैनीताल की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उस पर आधारित स्मारक डाक टिकट का विमोचन करेंगी। 21 जून को अपने दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पुलिस लाइन मैदान में आयोजित सामूहिक योग प्रदर्शन में भाग लेंगी। इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।