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April 18, 2025

राष्ट्रपति चुनावः विपक्ष को एकजुट करने में जुटीं ममता, 22 नेताओं को लिखा पत्र, 15 जून को बैठक, केसीआर ने खोला मोर्चा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलो को एकजुट करने की मुहिम में जुट गई हैं। उन्होंने बीजेपी और एनडीए को चुनौती देने की योजना बनानी शुरू कर दी है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलो को एकजुट करने की मुहिम में जुट गई हैं। उन्होंने बीजेपी और एनडीए को चुनौती देने की योजना बनानी शुरू कर दी है। ममता ने शनिवार को 22 विपक्षी नेताओं को पत्र लिखकर उनसे आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए 15 जून को दिल्ली में बुलाई गई बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया।
बनर्जी के ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल ने लिखा कि- हमारी माननीय अध्यक्ष @MamataOfficial सभी प्रगतिशील विपक्षी ताकतों से राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखते हुए, 15 जून 2022 को दोपहर 3 बजे कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में मिलने और भविष्य की कार्रवाई पर विचार करने का आह्वान करती है। टीएमसी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के नजदीक होने के साथ, बनर्जी राष्ट्रीय राजधानी में संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों और नेताओं तक पहुंच गई हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के साथ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मजबूत और प्रभावी विपक्ष की पहल के साथ, एक संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए विपक्षी सीएम और नेताओं तक पहुंच रहा हैं। भारत के राष्ट्रपति के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने गुरुवार को घोषणा की है। इसमें निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य सांसद और विधायक शामिल हैं, जो राम नाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिए तैयार हैं।

इन नेताओं को लिखा पत्र
1. अरविंद केजरीवाल (मुख्यमंत्री, दिल्ली)
2. पिनाराई विजयन (मुख्यमंत्री, केरल)
3. नवीन पटनायक (मुख्यमंत्री, ओडिशा)
4. कलवकुंतला चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री, तेलंगाना)
5. थिरु एमके स्टालिन (मुख्यमंत्री, तमिलनाडु)
6. उद्धव ठाकरे (मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र)
7. हेमंत सोरेन (मुख्यमंत्री, झारखंड)
8. भगवंत सिंह मान (मुख्यमंत्री, पंजाब)
9. सोनिया गांधी (अध्यक्ष, कांग्रेस)
10. लालू प्रसाद यादव (अध्यक्ष, राजद)
11. डी. राजा (महासचिव, भाकपा)
12. सीताराम येचुरी (महासचिव, सीपीआईएम)
13. अखिलेश यादव (अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी)
14. शरद पवार (अध्यक्ष, राकांपा)
15. जयंत चौधरी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोद)
16. एच. डी. कुमारस्वामी (कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री)
17. एच डी देवेगौड़ा (सांसद, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री)
18. फारूक अब्दुल्ला (अध्यक्ष, जेकेएनसी)
19. महबूबा मुफ्ती (अध्यक्ष, पीडीपी)
20. एस सुखबीर सिंह बादल (अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल)
21. पवन चामलिंग (अध्यक्ष, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट)
22. के एम कादर मोहिदीन (अध्यक्ष, आईयूएमएल)
2024 से पहले BJP को चुनौती देना चाहते हैं केसीआर
2017 के चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुकाबले कांग्रेस ने मीरा कुमार को उतारा था और वह बुरी तरह हारी थीं। तब केसीआर की पार्टी टीआरएस एनडीए उम्मीदवार के साथ थी। टीआरएस के अलावा एआईडीएमके, वाईएसआरसीपी, बीजेडी व तेलुगु देशम पार्टी ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया था। इस बार टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव एनडीए से दो-दो हाथ करने के लिए जबरदस्त प्रयास कर रहे हैं। केसीआर का मकसद 2024 में बीजेपी के नेनृत्व वाले एनडीए को चुनौती देना है। इसके लिए वह देश भर में घूम रहे हैं और अभी तक पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी चीफ शरद पवार, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं से मिल चुके हैं और कई नेताओं से अभी मिलने वाले हैं।
विपक्ष के कई नेताओं से कर चुके हैं मुलाकात
इस महीने केसीआर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिलने कोलकाता तथा बिहार के सीएम नीतीश कुमार व विपक्ष के नेता तेजस्वी से मिलने के लिए पटना जाने की तैयारी कर रहे हैं। तेजस्वी, केसीआर से हैदराबाद में मिल चुके हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हैदराबाद में केसीआर से मुलाकात की थी। हालांकि कांग्रेस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से फिलहाल दूरी है। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों से मिलकर एकजुटता लाने की कोशिश में लगे केसीआर ने कांग्रेस तक पहुंचने का कोई प्रयास नहीं किया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस उस उम्मीदवार का समर्थन करने का विकल्प चुन सकती है, जिस पर भाजपा उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए अन्य दलों ने सहमति दी हो।
पटनायक, जगनमोहन को साधने में जुटी BJP
ऐसे में भाजपा का पूरा गणित ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी पर टिका है। दोनों में से कोई भी समर्थन कर देता है, तो भाजपा उम्मीदवार के लिए राष्ट्रपति पद की राह आसान हो जाएगी। बताते हैं कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को साधने का जिम्मा रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव और आंध्र प्रदेश के सीएम से संपर्क साधने के लिए जीवीएल नरसिम्हा को लगाया गया है। इस सियासी हलचल में बिहार के सीएम नीतीश कुमार हॉटकेक बन गये हैं, भूपेंद्र यादव ने बिहार में जो राजनीति की उससे खफा नीतीश कुमार लालू परिवार से पींगें बढ़ाने लगे थे और जातीय जनगणना समेत कई मुद्दों पर सक्रिय हो गये थे। स्थिति की नजाकत को भांपकर भाजपा ने धर्मेंद्र प्रधान को भेजकर नीतीश कुमार को संदेश दिलाया कि वह चाहें तो 2025 तक सीएम रहें या उप राष्ट्रपति पद स्वीकार करें। उन्हें आश्वस्त किया गया कि उनका सीएम पद सुरक्षित है। इतना ही नहीं जातीय जनगणना का विरोध करने वाली भाजपा ने बिहार में नीतीश के दबाव में ही समर्थन किया।
अहम होगा नीतीश कुमार का रुख
नीतीश कुमार पलटवार बहुत जबरदस्त करते हैं और आरजेडी से नजदीकी बढ़ाकर उन्होंने साफ संदश दे दिया था कि विकल्प उनके पास भी है। यूं भी 2012 में एनडीए में रहते हुए नीतीश कुमार ने यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया था जबकि 2017 के चुनाव में महागठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद को समर्थन देने में देर नहीं लगाई, क्योंकि जिस समय वह राष्ट्रपति उम्मीदवार बने थे उस समय वह बिहार के राज्यपाल थे। केसीआर उस नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को साधने के लिए बिहार पहुंचने वाले हैं। वह ऐसा सियासी चक्रव्यूह बना रहे हैं जिसमें बीजेपी घिर जाए और उसका मनोबल गिरे ताकि 2024 में उसे जमीन दिखाई जा सके।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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